दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

जामिया हिंसा : SC की सख्त टिप्पणी- विद्यार्थी होने से हिंसा का अधिकार नहीं मिल जाता - undefined

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में रविवार को विरोध हुआ था. जिसमें हिंसा हो गई थी. इस मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई. कोर्ट ने कहा कि मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करेगा. पढ़ें पूरी खबर.

नागरिकता संशोधन कानून
नागरिकता संशोधन कानून

By

Published : Dec 16, 2019, 11:02 AM IST

Updated : Dec 16, 2019, 4:05 PM IST

नई दिल्ली : जामिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा का मामला गरमाता जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को इस पर सुनवाई करेगा. आज इस मामले को लेकर वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह पहुंचीं.

इस पर मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने कहा कि हम चाहते हैं कि पहले हिंसा रूके. इसके बाद ही सुनवाई होगी. उन्होंने कहा कि हम बस यह कह रहे हैं कि हिंसा रुकनी चाहिए. हम किसी के खिलाफ कुछ नहीं कह रहे हैं, हम ये भी नहीं कह रहे हैं कि पुलिस या छात्र निर्दोष हैं.

सीजेआई ने कहा कि अगर कोई छात्र हैं, इसलिए उन्हें हिंसा का अधिकार नहीं मिल जाता है. अगर हिंसा नहीं रुकी, तो वह इस मामले में सुनवाई नहीं करेंगे.

वहीं जामिया नगर में कल हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस ने दो FIR दर्ज की हैं. ये FIR संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और दंगे को लेकर दर्ज की गई हैं.

बता दें कि उच्चतम न्यायालय उन याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गया है जिनमें नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और यहां के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई के आरोप लगाए गए हैं.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली एक पीठ ने कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और उपद्रव पर भी सोमवार को सख्त रूप अपनाया और कहा कि यह सब फौरन बंद होना चाहिए.

वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह और कोलिन गोन्जाल्विस के नेतृत्व में वकीलों के एक समूह ने मामले को अदालत के समक्ष उठाया और कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर की गई कथित हिंसा का स्वत: संज्ञान लेने की अपील की.

पीठ ने कहा, 'हम बस इतना चाहते हैं कि हिंसा बंद हो जानी चाहिए.' साथ ही पीठ ने कहा, 'अगर प्रदर्शन एवं हिंसा हुई और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया तो हम इस मामले को नहीं सुनेंगे'.

इस पीठ में न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत भी शामिल थे.

वीडियो

दूसरी तरफ जामिया हिंसा पर याचिकाकर्ता ने अपनी बात रखी.

Last Updated : Dec 16, 2019, 4:05 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details