नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने उसके समक्ष अपीलें दायर करने में सरकारी अधिकारियों द्वारा 'अत्यधिक विलंब' करने पर नाखुशी प्रकट की और कहा कि उन्हें 'न्यायिक वक्त बर्बाद करने को लेकर खामियाजा भरना चाहिए' तथा ऐसी कीमत जिम्मेदार अधिकारियों से वसूली जानी चाहिए.
न्यायमूर्ति एस के कौल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ऐसी जगह नहीं हो सकती है कि अधिकारी कानून में निर्धारित समय सीमा की अनदेखी कर जब जी चाहे, आ जाएं.
न्यायमूर्ति कौल और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा हमने मुद्दा उठाया है कि यदि सरकारी मशीनरी समय से अपील/याचिका दायर करने में इतनी नाकाबिल और असमर्थ है, तो समाधान यह हो सकता है कि विधानमंडल से अनुरोध किया जाए कि अक्षमता के चलते सरकारी अधिकारियों के लिए अपील/याचिका दायर करने की अवधि बढ़ाई जाए.