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उच्चतम न्यायालय से भाजपा को संरक्षण, पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस - मुकुल रॉय

पश्चिम बंगाल में चुनाव नजदीक हैं. यही कारण है कि भाजपा और पश्चिम बंगाल सरकार में टकराहट बढ़ती जा रही है. उच्चतम न्यायालय को मामलों में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है. पढ़ें रिपोर्ट.

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Published : Dec 18, 2020, 3:35 PM IST

Updated : Dec 18, 2020, 3:44 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि राज्य में भाजपा के उन पांच नेताओं पर किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन नेताओं में मुकुल रॉय के अलावा दो सांसद कैलाश विजयवर्गीय और अर्जुन सिंह भी शामिल हैं. न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने इन नेताओं की याचिकाओं पर पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किए हैं. पीठ इस मामले में अब जनवरी के दूसरे सप्ताह में सुनवाई करेगी.

आपराधिक मामले थोपे जा रहे

इन नेताओं ने अलग अलग दायर याचिकाओं में आरोप लगाया है कि विधानसभा के आसन्न चुनावों से संबंधित राजनीतिक गतिविधियों से उन्हें दूर रखने के लिए उन पर आपराधिक मामले थोपे जा रहे हैं. पीठ ने कहा कि इन नेताओं को प्रदत्त अंतरिम संरक्षण इन याचिकाओं की सुनवाई की अगली तारीख तक जारी रहेगा. मुकुल रॉय, विजयवर्गीय और सिंह के अलावा भाजपा के दो अन्य नेताओं पवन कुमार सिंह और सौरव सिंह ने भी राज्य में उनके खिलाफ दर्ज मामलों में संरक्षण के लिए न्यायालय में याचिका दायर की है.

गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी

न्यायालय ने इन नेताओं को अंतरिम संरक्षण प्रदान करते हुए गृह मंत्रालय से तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पश्चिम बंगाल भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प के बारे में सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी है. कबीर शंकर बोस ने न्यायलाय में अलग से याचिका दायर की है.

Last Updated : Dec 18, 2020, 3:44 PM IST

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