नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 के मद्देनजर इस साल श्री अमरनाथ यात्रा के श्रृद्धालुओं को सीमित करने के लिये दायर याचिका पर सोमवार को विचार से इनकार कर दिया. न्यायालय ने कहा कि यह मसला स्थानीय प्रशासन पर छोड़ना होगा.
न्यायमूर्ति डा धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति इन्दु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने इस मामले की वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई करते हुये कहा, 'हमें अधिकारों के वर्गीकरण के सिद्धांत का सम्मान करना है.'
इसके साथ ही पीठ ने कार्यपालिका के दायरे में आने वाले इस मामले पर गौर करने से इनकार कर दिया और कहा कि इसे कानूनी मानकों के अनुसार ही देखना होगा.
पीठ ने कहा, 'हमारा मत है कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत अपनाया गया तरीका अनुचित है. यात्रा के आयोजन का सवाल स्थानीय प्रशासन पर छोड़ देना चाहिए. निश्चित ही किसी भी नतीजे पर पहुंचने का निर्णय कानून और संबंधित कानूनी प्रावधानों पर आधारित होगा.'
शीर्ष अदालत 'श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर्स आर्गेनाइजेशन’ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस याचिका में अनुरोध किया गया था कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर इस साल यात्रा में आने वाले यात्रियों को सीमित करने का निर्देश केन्द्र, जम्मू कश्मीर प्रशासन और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड को दिया जाये.