नई दिल्ली : दुनिया में कानून के शासन वाले देशों के सूचकांक में भारत की 'दयनीय' 69 वीं रैंकिंग में सुधार के लिए केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशेषज्ञों की समितियां गठित करने का निर्देश देने के लिए दायर याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को सुनवाई करने से इंकार कर दिया.
इस सूचकांक में दुनिया के 128 देशों को शामिल किया गया है. शासकीय खुलापन, मौलिक अधिकार, दीवानी और फौजदारी न्याय व्यवस्था तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश पाने जैसे कई बिन्दुओं के आधार पर कानून का शासन वाला सूचकांक तैयार किया गया है.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान उनकी ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह से कहा कि यह न्यायालय के लिए उचित मामला नहीं है. पीठ ने सिंह से कहा कि इस संबंध में उचित कार्रवाई के लिए वह सरकार को प्रतिवेदन दे सकते हैं.