नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के मामले में सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि भारतीय रेलवे ने तीन जून तक 4228 ट्रेनों का संचालन किया है. फिलहाल कोर्ट ने मंगलवार तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है.
एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निजी चैरिटिबल अस्पतालों से पूछा, जिन्हें नाममात्र दरों पर जमीन मिली, क्या वह कोरोना रोगियों को मुफ्त में उपचार प्रदान कर सकते हैं और क्या वह सरकार द्वारा निर्धारित कीमत से कम में कोविड 19 मरीज का उपचार कर सकते हैं.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया, 'मैंने एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें केंद्र द्वारा भोजन आदि के वितरण के लिए उठाए जा रहे उपायों के बारे में जानकारी दी गई है. इस दौरान दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने अदालत को बताया कि लगभग दो लाख मजदूर अब भी दिल्ली में हैं. वह वापस जाना नहीं चाहते. उन्होंने बताया कि 10,000 से कम श्रमिकों ने अपने मूल स्थानों पर वापस जाने की इच्छा व्यक्त की है.
इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील पी नरसिम्हा ने अदालत को बताया कि राज्य ने किसी भी समय मजदूरों पर चार्ज नहीं लगाया है. उन्होंने अदालत को बताया कि राज्य ने अब तक 1664 श्रमिक विशेष गाड़ियों का संचालन किया और 21.लाख 69 हजार लोगों को वापस घर लाए.