नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने आज नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बेंगलुरु को क्लैट के बदले अलग से नेशनल लॉ एप्टीट्यूड टेस्ट 2020 आयोजित करने की अनुमति दी. हालांकि अदालत ने कहा कि जब तक परीक्षा की वैधता पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक परिणाम घोषित नहीं किया जाना चाहिए.
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ एनएलएसयूआई के पूर्व कुलपति डॉ. आर वेंकट राव की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने कहा था कि विश्वविद्यालय द्वारा एक अलग परीक्षा आयोजित किया जाना कानून का उल्लंघन है.
राव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता निधि गुप्ता ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि आज परीक्षा मानक अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद द्वारा तय किया जाना है और इसे संशोधित नहीं किया जा सकता है.