दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राजस्थान पहुंचीं मिस इंडिया सुमन राव, पैतृक गांव पहुंच कर बताए सफलता के राज

मिस इंडिया का खिताब जीतने के बाद पहली बार सुमन राव अपने पैतृक गांव आईडाणा पहुंची. ये गांव राजस्थान के आमेट तहसील के अंतर्गत आता है. सुमन राव ने ग्रामीणों के साथ अपनी सक्सेस स्टोरी शेयर की. देखें वीडियो

सुमन राव ने अपने पैत्रिक गांव पहुंच कर लोगों से की बातचीत

By

Published : Jun 26, 2019, 10:11 PM IST

राजसमंद. 2019 का मिस इंडिया खिताब अपने नाम करने वाली राजस्थान की सुमन राव बुधवार को अपने पैतृक गांव पहुंचीं. खिताब जीतने के बाद आईडाणा गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया. गर्मजोशी से स्वागत किए जाने के बाद सुमन राव ने गांव वालों का आभार जताया. सुमन ने अपनी सफलता के राज भी साझा किए.

मिस इंडिया और अपने गांव की बेटी सुमन राव को देखने के लिए भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए. जगह-जगह लोगों ने सुमन राव का स्वागत सत्कार किया. सुबह उदयपुर से सड़क मार्ग से अपने गांव पहुंची सुमन राव को उदयपुर और राजसमंद के रास्ते में जगह-जगह लोगों ने उन्हें दुपट्टा ओढ़ा कर स्वागत किया.

मिस इंडिया बनने के बाद अपने पैतृक गांव में सुमन राव

इसके बाद वे अपने पैतृक गांव आईडाणा बस स्टैंड पहुंची जहां पर लोगों ने ढोल-नगाड़े की धुन पर अपनी बेटी का स्वागत सत्कार किया और रैली निकालते हुए राजकीय स्कूल पहुंचे. जहां पर सुमन राव के स्वागत के लिए ग्राम वासियों द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें सभी ग्राम वासियों ने सुमन राव के मिस इंडिया का खिताब जीतने पर उन्हें बधाई दी.

वहीं सुमन राव ने अपने गांव के लोगों को संबोधित करते हुए कहा 'मुझे इतना प्यार देने के लिये आप सभी लोगों का धन्यवाद.'

पढ़ेंः सुमन राव के सिर पर सजा मिस इंडिया 2019 का ताज....

उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि मिस इंडिया सिर्फ सुंदरता नहीं देखता एक प्रोजेक्ट होता है. जिसके साथ हर लड़की वहां पर जाती है. उन्होंने कहा कि वैसे ही मेरा प्रोजेक्ट था. उन्होंने बताया कि मेरे प्रोजेक्ट का नाम जेंडर इक्वालिटी था, जिसका मतलब हैं पुरुषों और महिलाओं में कोई अंतर नहीं होना. उन्होंने कहा कि हम सभी बोलते हैं कि बेटा-बेटी बराबर है, मगर ऐसा नहीं हैं.

आगे उन्होंने कहा कि सब लोग मुझे मंच पर आकर बधाई दिये और सभी लोगों ने मेरे पापा का नाम लिया लेकिन किसी ने मेरा मां का नाम नहीं लिया. मेरे लिये माता-पिता दोनों ही महत्वपूर्ण और बराबर हैं. दोनों ने ही मुझे बराबर सपोर्ट किया है. इसलिए दोनों को बराबर का सम्मान मिलना चाहिए. इसलिए दोनों का नाम सबको पता होना चाहिए क्योंकि महिलाओं को भी सम्मान देना होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details