नई दिल्ली: भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि वह राम मंदिर निर्माण के लिये अयोध्या में भूमि आवंटन करें और रामसेतु को राष्ट्रीय विरासत स्मारक घोषित करें.
मोदी को लिखे एक पत्र में स्वामी ने कहा कि सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिये जमीन आवंटन के लिये उच्चतम न्यायालय से इजाजत लेने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंहराव सरकार ने 1993 में इसे अधिग्रहित कर लिया था.
सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी को पत्र लिखा. अयोध्या भूमि विवाद उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है.
मोदी सरकार ने जनवरी में सर्वोच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर कर विवादित स्थल के पास की 67 एकड़ अतिरिक्त जमीन मूल भू-स्वामी, राम जन्मभूमि न्यास, को लौटाने की इजाजत मांगी थी. राम जन्मभूमि न्यास का गठन मंदिर निर्माण के लिये किया गया था.
स्वामी ने अपने पत्र में लिखा कि अदालत में सरकार का प्रतिवेदन 'त्रुटिपूर्ण' था, उसे किसी इजाजत की आवश्यकता नहीं है क्योंकि भूमि उसी के कब्जे में है.
उन्होंने दावा किया कि सरकार को जनहित में किसी को जमीन आवंटित करने के लिये किसी अधिकारी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है.