शिमला: बीजेपी के फायर ब्रांड नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या का मुकदमा फिर से खुलना चाहिए. मीडिया से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या मामले में कई ऐसे बिंदू हैं जिन्हें देखते हुए इस हत्या का मुकदमा फिर से खुलना चाहिए.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि महात्मा गांधी की हत्या नहीं हुई, लेकिन इस मामले में कई सवाल हैं. पहला ये कि एफआईआर वहां उपस्थित लोगों ने क्यों नहीं करवाई, जबकि इस मामले में कनॉट प्लेस के एक होटल कारोबारी ने तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में जाकर एफआईआर दर्ज करवाई थी.
बकौल सुब्रमण्यम स्वामी, '' दूसरा, गांधी जी को गोली लगने के बाद उनका देहांत नहीं हुआ था, वो जिंदा थे. गोली लगने के बाद बिरला हाउस में उन्हें जमीन पर लेटा रखा था, इस दौरान वे 40 मिनट तक जिंदा थे. इस बीच गांधी जी ने पानी का गिलास भी मांगा था.''
''सवाल ये है कि गांधी जी को गोली लगने के बाद अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया. अभी तक इस बात का स्पष्टीकरण नहीं हुआ है. बिरला हाउस से अस्पताल की दूरी महज 10 मिनट की थी. उस अस्पताल का पुराना नाम है विलिंग्डन हॉस्पिटल और नया नाम लोहिया अस्पताल है.''
स्वामी ने कहा, '' तीसरा, जब कोर्ट में चार्जशीट फाइल हुई थी. तो, उसमें ये कहा गया कि तीन गोलियां चली थी और जो रिवाल्वर गोडसे के पास थी वो गोलियां उससे मैच नहीं किया गया. गोडसे ने भी अपने बयान में कहा था कि मैंने सिर्फ दो गोलियां चलाई थी जहां तक मुझे याद है.''
सुब्रमण्यम बोले, '' जब भी किसी की हत्या होती है तो उसका पोस्टमार्टम किया जाता है तो गांधी जी का पोस्टमार्टम क्यों नहीं किया गया. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि महात्मा गांधी जी की हत्या मामले में मैंने ऐसी ही 16 त्रुटियां ढूंढी हैं, जिनका जवाब मिलना जरूरी है. गांधी जी की हत्या की दोबारा जांच होनी चाहिए.