सरायकेला: झारखंड में पहली बार नये रंग में मोती देखने को मिलने वासा है. इंटरनेट से मिले मोती उत्पादन की जानकारी के साथ अपनी अलग पहचान बना कर सुभाष महतो एक छोटे से डोभा में करीब आठ हजार मोतियों का उत्पादन कर रहे है, जो की लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
राज्य में दो लोग ही करते हैं मोती की उत्पादन
सरायकेला खरसावां स्थित गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत चामारू पंचायत के रंगामाटिया गांव निवासी सुभाष महतो द्वारा छोटे से डोभा में करीब आठ हजार मोतियों का उत्पादन किया जा रहा है. ये मोती अप्रैल-मई तक अपना रूप धारण कर लेगा. सुभाष के अनुसार वर्तमान में पूरे झारखंड में सिर्फ दो लोग ही इसका उत्पादन शुरू करते हैं. इसमें एक वह स्वयं हैं, जबकि एक हजारीबाग का रहने वाला है. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा किये जा रहे मोती उत्पादन से उन्हें क्षेत्र में एक अलग पहचान मिल रही है.
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इंटरनेट से मिली मोती उत्पादन की जानकारी
कहा जाता है कि इंटरनेट का उपयोग लोगों के लिए अच्छा और बुरा दोनों होता है. अगर इंटरनेट का सदुपयोग किया जाये तो लोगों को अपने जीवन में इसका लाभ भी मिलता है. सुभाष बताते है कि इंटरनेट के माध्यम से उन्हें सीप मोती उत्पादन किये जाने की जानकारी मिली. इसके बाद इंटरनेट के माध्यम से उन्होंने मोती उत्पादन का प्रशिक्षण लेने की इच्छा जतायी, जिसे प्रशिक्षकों ने स्वीकार कर लिया. इन्होंने बताया कि इसी वर्ष जनवरी माह में वे कोलकाता के मेचोदा नामक जगह पर 15 दिनों का प्रशिक्षण लिया, जिसके बाद परीक्षण के तौर पर उत्पादन शुरू किया. उन्होंने बताया कि अगर वे इसमें सफल हो जाते हैं तो अगले साल से युवाओं को प्रशिक्षण देकर सीप मोती उत्पादन के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा देने का प्रयास करेंगे.