नई दिल्ली/रियाद : भारत और सऊदी अरब ने अपने संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए तेल एवं गैस, रक्षा एवं नागर विमानन समेत विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अक्टूबर को साम्राज्य के शीर्ष नेतृत्व से गहन चर्चा की, जिसके दौरान महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर समन्वय के लिए रणनीतिक साझेदारी परिषद स्थापित की गई.
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब गए हुए थे. इसके बाद आज सुबह वह भारत लौटे हैं.
बहुचर्चित वैश्विक वित्तीय सम्मेलन (एफआईआई) में शामिल होने खाड़ी साम्राज्य के दो दिन के दौरे पर पहुंचे मोदी ने सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर करीब से काम करने को लेकर विचार साझा किए. दोनों नेताओं ने सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की और द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बनाने पर सहमति जताई.
पाकिस्तान का प्रमुख सहयोगी माने जाने वाला सऊदी अरब क्षेत्र को आतंकवाद मुक्त बनाने के भारत के अभियान में उसका पक्ष ले रहा है और इस चुनौती से निपटने के लिए पूर्ण सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई है. इसके बाद शाम में प्रधानमंत्री मोदी ने ताकतवार युवराज (क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान के साथ कई विषयों पर चर्चा की.
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण मुद्दों संबंधी निर्णयों पर समन्वय के लिए भारत-सऊदी अरब रणनीति साझेदारी परिषद गठित करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने इस समझौते को अपने हस्ताक्षरों के साथ अमलीजामा पहना दिया है.
'फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव' फोरम में शामिल होने दो दिन के दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे मोदी ने सऊदी शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज और युवराज मोहम्मद बिन सलमान से व्यापक मुद्दों पर चर्चा की.
रणनीति साझेदारी परिषद का नेतृत्व मोदी और युवराज मोहम्मद करेंगे और हर दो साल में इसकी बैठक होगी.समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संबंध और मजबूत होंगे.
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बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में आर्थिक संबंध सचिव टी एस त्रिमूर्ति ने कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद की निंदा की और द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई.
उन्होंने कहा कि बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने कृषि, तेल एवं गैस, समुद्री सुरक्षा नवीन प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, व्यापार और निवेश पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की. दोनों देशों की ई-प्रवासन प्रणाली के बीच समन्वयन पर भी एक समझौता हुआ. साम्राज्य में रूपे कार्ड शुरू करने के संबंध में भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए.