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PAK में होती है 'छोटी-छोटी लड़कियों से जबरन शादी' : शरणार्थी हिन्दू परिवार

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Published : Jan 9, 2020, 12:09 AM IST

ईटीवी भारत की टीम दिल्ली के छतरपुर के भाटी माइंस पहुंची, जहां हमने पाकिस्तान से आए शरणार्थियों से बातचीत की और उनकी आपबीती सुनी.

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पाकिस्तान से आए हिन्दू परिवा

नई दिल्ली:राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने पाकिस्तान से आई जिन हिंदू महिलाओं का जिक्र किया था. ईटीवी भारत ने छतरपुर के भाटी माइंस गांव जाकर उनकी पूरी कहानी जानने की कोशिश की. जानिए...आखिर क्यों वो अपना घर छोड़कर भारत आने को मजबूर हुए.

पाकिस्तान से आई साहिबा ने बताया कि वहां कोई हिंदू लड़की बाहर नहीं निकल सकती थी. हमें वहां मजबूरी में बुर्का पहनकर निकलना पड़ता था, ताकि वहां के मुसलमान हमें पहचान ना पाएं. साथ ही साहिबा ने बताया कि हिंदू लड़कियों और महिलाओं को मुसलमान जबरदस्ती से उठा ले जाते थे. आधी-आधी रात जबरदस्ती घर मे घुस कर हमारी बहु-बेटियों को घसीट-घसीट कर ले जाते थे.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'छोटी-छोटी लड़कियों से जबरन शादी'

राबेली ने बताया हमारी छोटी-छोटी बहन-बेटियों से मुसलमान जबरन शादी कर लेते थे. 8-9 साल की उम्र में ही हमारी बहन- बेटियों को जबरन उठाकर शादी कर लेते थे. साथ ही राबेली ने बताया कि हमनें वहां नर्क जैसा जीवन व्यतीत किया है. अपना मान-सम्मान अपनी इज्जत बचाना बहुत मुश्किल होता था. जिन बर्तनों में हमारे घर के आदमी खाना खाते थे, उन बर्तनों को वहां के मुसलमान हाथ भी नहीं लगाते थे.

हिंदू शरणार्थी

'जबरन धर्म परिवर्तन के लिएदबाव'

13 साल की किरण ने बताया कि वहां हिन्दू लड़की होना गुनाह है. किरण ने आप बीती बताते हुए बताया कि एक दिन मुसलमानों ने मेरे पिताजी की बहुत पिटाई की वो भी सिर्फ इसीलिए क्योंकि मेरे पिताजी मुझे नानी के घर छोड़ कर आये थे. मुसलमान मेरी नानी के घर से मुझे जबरन लेने आये थे ताकि मेरा धर्म बदलवा के मुझसे शादी कर सके.

मोदी सरकार का धन्यवाद

पाकिस्तान से आए हिन्दू परिवारों ने CAA पास होने पर मोदी सरकार का धन्यवाद किया है. उन्होंने बताया कि नागरिकता ना होने की वजह से हमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने हमें भी यहां रहने का मालिकाना हक दिया, जिससे हम बहुत खुश हैं.

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