चंडीगढ़: हरियाणा में एक ऐसा मुख्यमंत्री भी रहा है, जिसके बारे में आज शायद बहुत कम लोग ही जानते हैं और जो जानते हैं, वो उन्हें हरियाणा के दो बार रहे मुख्यमंत्री के तौर पर कम, एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, हिन्दी से प्यार करने वाले और समाजसेवी के रूप में ज्यादा जानते हैं. हम बात कर रहे हैं हरियाणा के चौथे मुख्यमंत्री रहे बनारसी दास गुप्ता की. जो 1 दिसम्बर 1975 से 30 अप्रैल 1977 तक और दोबारा 22 मई 1990 से 12 जुलाई 1990 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे.
पूर्व सीएम बनारसी दास गुप्ता ने एक स्वतंत्रता सेनानी होते हुए सामाजिक, राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन को अपने अंदाज में जिया. बनारसी दास गुप्ता को हिन्दी से बेहद प्यार था. उनको हिन्दी भाषा के पक्षधर और यथार्थवादी आदर्श का जननायक भी माना जाता है. अब बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि बनारसी दास गुप्ता पत्रकार भी थे. बनारसी दास गुप्ता 'अपना देश', 'हरियाणा केसरी' और 'हरियाणा कांग्रेस पत्रिका' के संपादक भी रहे हैं.
जब जींद के राजा ने उन्हें जेल में डलवा दिया था!
बनारसी दास गुप्ता भिवानी के रहने वाले थे, लेकिन जींद रियासत को भारत में मिलाने के लिए उनका सबसे बड़ा हाथ था. इसके लिए उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा. बनारसी दास गुप्ता की गतिविधियां देखकर जींद रियासत में उन्हें साल 1941 में गिरफ्तार करके फरीदकोट जेल में बंद कर दिया था. भारत छोड़ो आंदोलन में भी बनारसी दास गुप्ता ने भाग लिया और 1942 से 1944 तक जेल में बंद रहे.
आंदोलन किया और जींद रियासत को भारत में शामिल करवा के छोड़ा
आजादी मिलने के बाद बनारसी दास ने जींद को भारत में शामिल करने के लिए जबरदस्त आंदोलन किया. बनारसी दास ने तो वहां समानांतर सरकार तक बना दी थी. ये आंदोलन तभी खत्म हुआ, जब उस वक्त के गृहमंत्री सरदार पटेल ने जींद को पंजाब में सम्मिलित करने का समझौता किया. साल 1968 के मध्यावधि चुनावों में वे भिवानी विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए. 1972 में फिर से विधायक बने एवं सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुने गए. वो तब बिजली एवं सिंचाई, कृषि, स्वास्थ्य आदि विभिन्न विभागों के मंत्री रहे.
भिवानी से रह चुके तीन बार विधायक
भिवानी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता हरियाणा बनने के बाद तीन बार 1968, 1972 और 1987 में विधायक बने. साल 1975 में बनारसी दास गुप्ता को हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया. 1987 में एक बार फिर भिवानी से विधायक बने और उप-मुख्यमंत्री चुने गए.