चमोलीः 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस की 20वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी. कारगिल युद्ध में देवभूमि के कई जाबांजों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी. इस युद्ध में चमोली जिले के 11 जवान भी शामिल थे. इसमें 9 जवान गढ़वाल राइफल और 2 जवान नागा रेजिमेंट के शहीद हुए थे.
कारगिल युद्ध के दौरान मोर्चे पर तैनात रहे गढ़वाल राइफल के रिटायर्ड सूबेदार सुरेंद्र सिंह से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि कारगिल सेक्टर में पाकिस्तानी सेना से लोहा लेना भारतीय जवानों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था.
गढ़वाल राइफल के रिटायर्ड सूबेदार सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कारगिल सेक्टर में युद्ध करना बड़ी चुनौती थी, लेकिन गढ़वाल राइफल के जवानों के जज्बे और बुलंद हौसले ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी.
उन्होंने बताया कि कारगिल सेक्टर में दुश्मनों की सभी पोस्टें ऊंची चोटियों पर थीं. जहां से वो लगातार गोलाबारी कर रहे थे, लेकिन भारतीय सेना ने चट्टान पर रस्सी से सहारे चढ़कर दुश्मनों के कैंपों का सफाया किया.