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लोकसभा में सरकार का बयान - जम्मू-कश्मीर में कम हुईं पत्थरबाजी की घटनाएं

लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है. ऐसा अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में बदलाव के बाद हुआ है. जानें पूरा विवरण

जी किशन रेड्डी (फाइल फोटो)

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Published : Nov 19, 2019, 4:22 PM IST

Updated : Nov 19, 2019, 6:04 PM IST

नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में बदलाव किए जाने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है. गृह मंत्रालय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.

गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में पथराव के 190 मामलों में 765 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से प्रदेश में पथराव की घटनाओं में कमी आई है.

गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए कहा, 'जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से 15 नवम्बर 2019 तक में पत्थरबाजी से संबंधित 190 मामलों में 765 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.'

सरकार ने पथराव करने वालों को रोकने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की है और काफी हद तक इस पर अंकुश लगाने में सफल रही है. इन नीतियों के अंतर्गत बड़ी संख्या में समस्या पैदा करने वाले, लोगों को भड़काने वालों की पहचान की गयी है, पत्थरबाजों को रोकने के लिए इन्हें जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है.

मंत्रालय ने कहा कि जांच से पता चला है कि विभिन्न अलगाववादी संगठन और कार्यकर्ता, जो हुर्रियत के हिस्सा हैं, घाटी में पथराव की घटनाओं के पीछे रहे हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग मामलों में अब तक 18 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है.

जम्मू-कश्मीर के पर्यटन पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए, रेड्डी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सूचित किया है कि 12,934 विदेशी पर्यटकों सहित कुल 34,10,219 पर्यटक पिछले छह महीनों में जम्मू और कश्मीर का दौरा कर चुके हैं. इस अवधि के दौरान 25.12 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गयी.

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इसके अलावा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा में हंगामा भी देखने को मिला. विभिन्न दलों के सदस्यों ने योग गुरु रामदेव द्वारा तमिलनाडु के प्रसिद्ध समाज सुधारक पेरियार को कथित तौर पर 'दलित आतंकवादी' कहे जाने का मुद्दा अठाया.

पश्चिम बंगाल में भाजपा सांसदों पर कथित हमले सहित कई अन्य मुद्दे भी लोकसभा में उठाये गये.

शून्यकाल के दौरान द्रमुक के सेंथिल कुमार ने रामदेव की कथित टिप्पणी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि योगगुरु ने पेरियार को 'दलित आतंकवादी' कहा है. यह बहुत ही आपत्तिजनक है. इसको लेकर लोगों में आक्रोश है उन्होंने कहा कि सदन से यह संदेश जाना चाहिए कि पेरियार के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी स्वीकार नहीं की जाएगी.

भाजपा के अर्जुन सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल से भाजपा के 18 सांसद चुनकर आए हैं, लेकिन उनकी सांसद निधि का उपयोग नहीं हो पा रहा है क्योंकि जिलाधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार 'प्राइवेट लिमिटेड कंपनी' की तरह काम कर रही है.

भाजपा के ही सौमित्र खान ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सांसदों और केंद्र सरकार के मंत्रियों पर हमले हो रहे हैं.

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खान ने कहा कि कभी-कभी ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल भारत में है या किसी दूसरे देश में हैं. किसान सम्मान निधि योजना और आयुष्मान योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है.

कांग्रेस के गुरजीत औजला ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का धन्यवाद करते हुए कहा कि वहां जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए वीजा की अनिवार्यता खत्म होनी चाहिए.

बीजू जनता दल के बी. महताब ने कहा कि 'ब्रिक्स' में बहुत असंतुलन है और ऐसे में सरकार को बताना चाहिए कि इस समूह में रहते हुए भारत को क्या हासिल हुआ है.

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कांग्रेस के के. मुरलीधरन, भाजपा के गणेश सिंह, वीरेंद्र सिंह, रमाशंकर कठेरिया, सत्यपाल सिंह और सुकांत मजूमदार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के आमोल कोल्हे, बसपा के गिरीश चंद्र, और टीआरएस के कोठा रेड्डी ने लोक महत्व से जुड़े अलग-अलग मुद्दे उठाए.

Last Updated : Nov 19, 2019, 6:04 PM IST

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