नई दिल्ली : गृह मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों में बदलाव किए जाने के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है. गृह मंत्रालय ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में पथराव के 190 मामलों में 765 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद से प्रदेश में पथराव की घटनाओं में कमी आई है.
गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए कहा, 'जम्मू-कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से 15 नवम्बर 2019 तक में पत्थरबाजी से संबंधित 190 मामलों में 765 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.'
सरकार ने पथराव करने वालों को रोकने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की है और काफी हद तक इस पर अंकुश लगाने में सफल रही है. इन नीतियों के अंतर्गत बड़ी संख्या में समस्या पैदा करने वाले, लोगों को भड़काने वालों की पहचान की गयी है, पत्थरबाजों को रोकने के लिए इन्हें जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है.
मंत्रालय ने कहा कि जांच से पता चला है कि विभिन्न अलगाववादी संगठन और कार्यकर्ता, जो हुर्रियत के हिस्सा हैं, घाटी में पथराव की घटनाओं के पीछे रहे हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग मामलों में अब तक 18 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है.
जम्मू-कश्मीर के पर्यटन पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए, रेड्डी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सूचित किया है कि 12,934 विदेशी पर्यटकों सहित कुल 34,10,219 पर्यटक पिछले छह महीनों में जम्मू और कश्मीर का दौरा कर चुके हैं. इस अवधि के दौरान 25.12 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गयी.
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इसके अलावा शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा में हंगामा भी देखने को मिला. विभिन्न दलों के सदस्यों ने योग गुरु रामदेव द्वारा तमिलनाडु के प्रसिद्ध समाज सुधारक पेरियार को कथित तौर पर 'दलित आतंकवादी' कहे जाने का मुद्दा अठाया.
पश्चिम बंगाल में भाजपा सांसदों पर कथित हमले सहित कई अन्य मुद्दे भी लोकसभा में उठाये गये.