नई दिल्ली : आज दुनिया एक ऐसे अदृश्य दुश्मन से लड़ रही है, जिसने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले रखा है. अभी तक महामारी के कारण दुनिया भर में 10 लाख मौतें हो चुकी हैं, जबकि 3.5 करोड़ मामले अब तक सामने आ चुके हैं.
भारत में अब तक 66 लाख मामले और एक लाख मौतें हुई हैं. हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एक अलर्ट जारी किया है, जिसमें उन्हें आगामी त्योहारों को देखते हुए सावधानी बरतने को कहा है. आमतौर पर भारत में त्योहार बड़ी भीड़ और सामुदायिक समारोहों का पर्याय हैं. लेकिन कोरोना वायरस के चलते, शारीरिक दूरी बनाये रखना एक नया रिवाज सा हो गया है.
हमें आगामी उत्सव को कुछ दिनों के लिए टाल देना चाहिए, कम से कम अभी के लिए ओणम 2020 के कारण दुनिया के विभिन्न हिस्सों से केरलवासी समारोहों में शामिल होने के लिए भारत आये. दुर्भाग्य से त्योहार के कारण, कोरोना वायरस के मामलों में भी वृद्धि देखी गई.
केरल में 31 अक्टूबर तक धारा 144 लागू
महामारी के लिए दिए गए दिशानिर्देशों के पालन में की गई लापरवाही मलप्पुरम, इडुक्की, कोल्लम और पठानमथिट्टा के लिए विनाशकारी साबित हुई है. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को 31 अक्टूबर तक राज्य भर में धारा 144 लागू करना पड़ा है.
गरबा और डांडिया कार्यक्रम प्रतिबंधित
स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञों ने पश्चिम बंगाल में इसी तरह के परिणामों की चेतावनी दी है, क्योंकि यह राज्य अपने दुर्गा पूजा समारोहों के लिए देशभर में प्रसिद्ध है जो बड़े पैमाने पर भीड़ को आकर्षित करते हैं. महाराष्ट्र सरकार ने नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया कार्यक्रमों पर पहले ही प्रतिबंध लगा दिया है.
दिशा-निर्देश लागू करने के लिए तैयार
उत्तर प्रदेश, दिल्ली और तेलंगाना की सरकारें आवश्यक दिशा-निर्देश लागू करने के लिए तैयार कर रही हैं. लोगों को अपनी जिम्मेदारी को बराबर मानकर बथुकम्मा, दशहरा और दीपावली समारोह के दौरान एहतियाती उपायों को स्वेच्छा से पालन करना चाहिए.