पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में अपने पिता की राजनीतिक विरासत बचाने उतरे उम्मीदवारों में से राजद प्रमुख लालू प्रसाद के दोनों बेटे जहां जीतने में कामयाब रहे, वहीं दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव की पुत्री और अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र को हार का सामना करना पड़ा.
बिहार विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे दिग्ग्ज राजनीतिक घरानों में से राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव क्रमशः राघोपुर और हसनपुर से एक बार फिर विजयी हुए, लेकिन शरद यादव की 30 वर्षीय बेटी सुभाषिनी राज राव, जो कांग्रेस के टिकट पर बिहारीगंज सीट से चुनाव लड़ी थीं, उन्हें मधेपुरा में अपने पिता की 'कर्मभूमि' (कार्यस्थल) की सेवा करने का मौका नहीं मिल पाया.
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सुभाषिनी 19,000 से अधिक मतों से मंझे हुए राजनीतिज्ञ और नीतीश कुमार के जद(यू) के मौजूदा विधायक नीरंजन मेहता से हार गईं.
अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा, जो पटना के बांकीपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे, 27,000 मतों से भाजपा के निवर्तमान विधायक नितिन नवीन से हार गए.
राजनीतिक विरासत को आगे भी कायम रखने के लिए इस बार के चुनावी मैदान में उतरे विजयी उम्मीदवारों में राष्ट्रमंडल खेल में पदक विजेता निशानेबाज और पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी श्रेयसी सिंह (जमुई सीट), सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद के पुत्र संजीव चौरसिया (दीघा), राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी के पुत्र राहुल तिवारी (शाहपुर) और इसी दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह (रामगढ़) शामिल हैं.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे नीतीश मिश्रा झंझारपुर सीट से भाजपा के टिकट पर विजयी हुए और राजद के वरिष्ठ नेता तुलसी दास मेहता के पुत्र आलोक मेहता राजद के टिकट पर उजियारपुर सीट से विजयी रहे. गौरतलब है कि चुनावी मैदान में उतरे राजनीतिक घरानों के उम्मीदवारों में हारने वालों की फेहरिस्त लंबी है.
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वयोवृद्ध कांग्रेस नेता सदानंद सिंह के पुत्र सुभानंद मुकेश, जो अपने पिता के स्थान पर चुनाव लड़े थे, कहलगांव सीट पर भाजपा के पवन यादव से 44,000 से अधिक मतों से हार गए. सदानंद सिंह ने अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतारने से पहले आठ बार सीट का प्रतिनिधित्व किया था.