चेन्नई: तमिलनाडु के विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के प्रमुख एम के स्टालिन ने मेडिकल पाठयक्रमों में सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी की आलोचना की और सवाल किया कि क्या उनके लिए यह सही है कि शीर्ष पद पर रहने के बावजूद वह राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को आरक्षण संबंधी विधेयक को मंजूरी दिलाने के लिए राजी नहीं कर पाये.
राज्यपाल के पास लंबित आरक्षण संबंधी विधेयक को मंजूरी दिलाने को दबाव बनाने के लिए द्रमुक द्वारा आयोजित प्रदर्शन की अध्यक्षता करते हुए स्टालिन ने राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के प्रति अपनी पार्टी का विरोध दोहराया.
उन्होंने कहा कि हम नीट के खिलाफ हैं. कलैगनार (दिवंगत द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि) और दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के समय तक तमिलनाडु में नीट नहीं था.
उन्होंने कहा कि जब से पलानीस्वामी केंद्र के अधीनस्थ हो गये तब से यह राष्ट्रीय परीक्षा राज्य में अस्तित्व में आ गयी.
उन्होंने कहा कि द्रमुक के सत्ता में आते ही हम कानूनी रास्ते से नीट को निरस्त करने में पूरी तरह जुट जायेंगे और हम विजयी होकर सामने आएंगे.