देहरादून : गुरिल्लों को नौकरी, पेंशन और अन्य सुविधाएं देने की मांग को लेकर उत्तराखंड अल्मोड़ा कलेक्ट्रेट कलेक्ट्रेट प्रांगण में धरना देते हुए 3,900 दिन पूरे हो गए हैं. गुरिल्लों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनाती देने की मांग की है.
बता दें कि, उत्तराखंड के अल्मोड़ा क्षेत्र में एक आंदोलन ऐसा चल रहा है जिसे दस साल से भी अधिक का वक्त हो गया है. लेकिन अभी तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है. आज भी आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं. गुरिल्लों के धरने के 3,900 दिन पूरे होने पर उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा. उन्होंने ज्ञापन में कहा कि विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए 1962 के भारत-चीन युद्ध में मिले सबक के बाद सीमावर्ती इलाकों की रक्षा के लिए एसएसबी गुरिल्लों को प्रशिक्षण दिया गया था.
आज के समय में चीन हमारी सीमा में घुसपैठ कर रहा है. पकिस्तान द्वारा सीमा पर लगातार गोलीबारी और आतंकियों की घुसपैठ कराई जा रही है. नेपाल और बांग्लादेश जैसे हमारे पड़ोसी देश भारत के खिलाफ गतिविधियों में संलग्न हैं. इस स्थिति में भारत सरकार द्वारा छापामार युद्ध में प्रशिक्षित एसएसबी गुरिल्लों का उपयोग सीमावर्ती इलाकों में बाहरी और आंतरिक सुरक्षा के लिए किया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि देश के सीमावर्ती राज्यों में इस समय भी एक लाख प्रशिक्षित गुरिल्ले हैं जो स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों में काम कर सकते हैं. इसलिए सरकार को एसएसबी गुरिल्लों का उपयोग करना चाहिए.