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'सर्दियों-त्योहारों में सतर्कता जरूरी, कोरोना फैलने का खतरा'

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Published : Oct 20, 2020, 2:45 AM IST

कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी से 180 से अधिक देश प्रभावित हैं. भारत कोरोना संक्रमण के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है. महामारी पर नियंत्रण के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण देश में पैदा हुआ आर्थिक संकट के बाद अब नियमित गतिविधियां शुरू हो गई हैं. हालांकि, इन गतिविधियों के कारण कोरोना संक्रमण का खतरा भी बढ़ता दिख रहा है. विशेषज्ञों का भी मानना है कि सर्दियों और त्योहारों के सीजन में कोरोना अपने पैर पसार सकता है. पढ़ें खास रिपोर्ट

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डॉ तमोरिश कोले

नई दिल्ली :एक उच्च सरकारी पैनल ने अगले एक महीने में 26 लाख नए कोविड संक्रमण की आशंका जाहिर की है. इस संबंध में एशियन इमरजेंसी मेडिसिन सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ तमोरिश कोले ने कहा कि जैसा कि हम जानते हैं कि सर्दियों में वायरस का प्रसार अधिक हो सकता है.साथ ही यह फेस्टिवल का एक मौका है. ऐसे में लोग एक-दूसरे के करीब आएंगे, जिससे वायरस फैलने की अधिक संभावना है.

वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ तमोरिश कोले ने एक विशेष साक्षात्कार में ईटीवी भारत को बताया कि अगर लोग सावधानी नहीं बरतते हैं, तो यह स्थिति आ सकती है. उन्होंने कहा कि यह भविष्यवाणी सच है और जैसा कि हम जानते हैं कि सर्दियों में वायरस का प्रसार अधिक हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह फेस्टिवल का एक मौका है. ऐसे में लोग एक-दूसरे के करीब आएंगे, जिससे वायरस फैलने की अधिक संभावना है.

डॉ तमोरिश कोले से खास बातचीत

डॉ कोले जो ने कहा कि केरल की स्थिति एक शानदार उदाहरण है, जब केरल में ओणम मनाया गया था. वहां कम मामले थे, लेकिन ओणम के बाद वहां कोविड मामलों की संख्या बढ़ने लगी. उन्होंने कहा कि वास्तव में, केरल सरकार ने भी स्वीकार किया है कि राज्य में उत्सव के बाद कोविड 19 के मामलों में भारी वृद्धि हुई है.

आने वाले उत्सवों का उल्लेख करते हुए, डॉ कोले ने कहा कि कोरोना वायरस 5 पी के माध्यम से फैल रहा है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक खराब वेंटिलेशन और बिना सुरक्षा के शारीरिक नजदीकी में आने (people in prolonged poor ventilated protection free proximity) से संक्रमण का प्रसार होने की आशंका है. उन्होंने कहा कि आने वाले त्योहारी सीजन में लोग फेस मास्क जैसी बुनियादी एहतियात के बगैर एक-दूसरे के नजदीक आएंगे.

बता दें कि नीति अयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अगुवाई में केंद्र सरकार की 10 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने एक अध्ययन में भारत में कोरोना केस बढ़ने की आशंका जाहिर की है. समिति ने चेतावनी दी है कि त्योहारों या सर्दियों के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही से 26 लाख केसों की वृद्धि होगी.

यह अध्ययन 'भारत में कोविड 19 महामारी की प्रगति : रोग निदान और लॉकडाउन प्रभाव' शीर्षक से जारी किया गया है. गणितीय मॉडल पर आधारित इस अध्ययन में पूरे भारत में संक्रामक बीमारी के प्रसार का विवरण है.

त्योहारों में जरूरी एहतियात का जिक्र करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक आदेश के हवाले से डॉ कोले ने कहा कि लोगों को त्योहार मनाना चाहिए लेकिन सावधानी के साथ.

बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को अपने आदेश में कहा कि पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा पंडालों को नो-एंट्री जोन घोषित किया जाए. डॉ कोले ने कहा कि वायरस प्राकृतिक रास्तों से फैलता है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कोरोना के नए केस की रिपोर्ट के बाद भारत दुनिया में सबसे अधिक कोरोना प्रभावित देश बन सकता है.

यह भी पढ़ें:प. बंगाल के सभी पूजा पंडाल नो-एंट्री जोन घोषित हों : कलकत्ता हाईकोर्ट

उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अगर आप अन्य बीमारियों को देखें, तो सर्दियों के दौरान बीमारी ज्यादा फैलती है. डॉ कोले ने कहा कि त्योहार एक सुपर स्प्रेडर (अधिक मात्रा मे फैलाने वाले) साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमने सावधानी नहीं बरती तो सर्दियों में बूंदों (droplets) के माध्यम से कोरोना का प्रसार होगा.

डॉ कोले ने कहा कि हर दिन बिगड़ती हालत से भारत की स्वास्थ्य प्रणाली पर भी भारी बोझ पड़ सकता है. कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि टीका फरवरी, 2021 तक उपलब्ध हो सकता है. उन्होंने कहा कि सभी महत्वपूर्ण टीके अंतिम चरण में हैं, लेकिन भारत जैसे देश में टीकों की खरीद और वितरण एक वास्तविक चुनौती होगी.

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