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अजीत जोगी की मृत्यु के बाद JCC (J) और कांग्रेस के विलय की अटकलें

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद से ही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के भविष्य को लेकर राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट शुरू हो गई है. जेसीसी (जे) के कांग्रेस में विलय की चर्चा लगातार सामने आ रही है. हालांकि दोनों ही पार्टी ने इसे लेकर इनकार किया है. अब ऐसे में देखना ये होगा कि इन अफवाहों में कितनी सच्चाई है.

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सांकेतिक चित्र

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Published : Jun 3, 2020, 1:41 AM IST

रायपुर: साल 2018 का छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव कई मायनों में अलग था. छत्तीसगढ़ की राजनीति के माहिर खिलाड़ी अजीत जोगी अपने नए दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के साथ चुनावी मैदान में उतरे थे. राजनीतिक गुरु उन्हें किंग मेकर मान रहे थे, लेकिन उनकी पार्टी ज्यादा कमाल नहीं कर पाई थी और कांग्रेस की हवा में भाजपा साफ हो गई थी. कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले अजीत जोगी की पार्टी के कांग्रेस में विलय होने की खबरें उनके निधन के बाद सियासी गलियारों में तैर रही हैं.

अजीत जोगी के निधन के बाद ये सवाल लोग उठा रहे हैं कि अब उनके दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) को संभालेगा कौन हालांकि उनके बेटे अमित जोगी भी सियासत में सक्रिय हैं. खबर ये भी है कि जेसीसी (जे) का विलय कांग्रेस में हो सकता है. चर्चा ये भी है कि इस विलय की जिम्मेदारी कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को सौंपी गई है और वे आगामी कुछ दिनों में प्रदेश में आकर इसका ऐलान कर सकते हैं. हालांकि अब तक इन बातों की पुष्टि न तो जेसीसी(जे) की ओर से की गई है और न ही कांग्रेस ने इसे लेकर कोई संकेत दिए हैं.

सोनिया और रेणु जोगी के बीच हुई थी बात

वर्षों तक कांग्रेस में रहने का बाद 2016 में अजीत जोगी ने अपनी अलग पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन किया था. अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद जोगी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बताया जा रहा है कि जिस समय जोगी कोमा में थे उस दौरान कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रेणु जोगी से फोन पर चर्चा कर जोगी का हाल लिया था. सोनिया गांधी और रेणु जोगी की बातचीत के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि पार्टी के विलय को लेकर भी इन दोनों के बीच बातचीत हुई है.

पार्टी विलय की चर्चा संभव नहीं

अजीत जोगी के अस्पताल में भर्ती होने के बाद सोनिया गांधी ने रेणु जोगी से फोन पर बातचीत कर अजीत जोगी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी. इस बात की पुष्टि जनता कांग्रेस के मीडिया प्रमुख इकबाल अहमद रिजवी ने की है, लेकिन इसके अलावा रेणु जोगी और सोनिया गांधी के बीच क्या बातचीत हुई है उसकी जानकारी होने से इंकार कर दिया है. रिजवी का दावा है कि इस परिस्थिति में सोनिया गांधी और रेणु जोगी के बीच पार्टी विलय को लेकर चर्चा होना संभव ही नहीं है. रिजवी ने सोशल मीडिया में चल रहे हैं जनता कांग्रेस के कांग्रेस में विलय की चर्चा को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अफवाह के कोई सर पैर नहीं होते हैं अफवाह सिर्फ अफवाह होती है.

कांग्रेस ने भी किया इनकार

वहीं कांग्रेस ने भी जनता कांग्रेस के विलय की बातों से इनकार किया है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी का कहना है कि 'इस तरह की अभी कोई चर्चा पार्टी में नहीं है. मुझे नहीं लगता कि इस प्रकार की स्थिति है और अगर ऐसा कुछ है भी तो निश्चित तौर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के प्रभारी और पार्टी हाईकमान इसका निर्णय लेंगे.'

विलय होना आश्चर्य की बात नहीं

वहीं अजीत जोगी को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडे कहना है कि अभी जनता कांग्रेस के कांग्रेस में विलय को लेकर चर्चा करना जल्दबाजी होगी. शंकर पांडे ने बताया कि जब जोगी जिंदा थे तब विधानसभा चुनाव के समय जनता कांग्रेस के कांग्रेस में विलय की बात चली थी, लेकिन उस दौरान अमित जोगी के कांग्रेस में प्रवेश को लेकर काफी विरोध था. जिस वजह से बात नहीं बन सकी. पांडे ने कहा कि जोगी परिवार गांधी परिवार का काफी करीबी रहा है और अगर आने वाले समय में जनता कांग्रेस का कांग्रेस में विलय होता है तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी.

मुख्यमंत्री और सिंहदेव करते रहे जोगी की वापसी का विरोध

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के कांग्रेस में वापसी का लगातार विरोध करते रहे हैं. बघेल और सिंहदेव की जोड़ी की वजह से ही विपक्ष में रहने के दौरान अजीत जोगी को कांग्रेस छोड़नी पड़ी थी, जिसके बाद उन्होंने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) का गठन किया था. विधानसभा चुनाव के बाद से ही अजीत जोगी की वापसी की चर्चा हुई. उस समय सिंहदेव ने कहा था कि अगर जोगी पार्टी में आते हैं तो वह राजनीति से सन्यास ले लेंगे.

जोगी कांग्रेस का गठन

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होने के बाद 23 जून 2016 को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी का गठन किया था. पार्टी की तरफ से दावा किया गया था यह छत्तीसगढ़ की एकमात्र क्षेत्रीय पार्टी है, जिसने आजादी के बाद से संयुक्त अविभाजित मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ में क्षेत्रीय दल की मान्यता हासिल की है. ऐसे में यह देखना होगा कि क्या वाकई में आने वाले समय में जनता कांग्रेस का कांग्रेस में विलय होता है या नहीं या फिर यह मात्र कोरी अफवाह है, लेकिन यह जरूर है कि अजीत जोगी के निधन के बाद जनता कांग्रेस के भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलों का बाजार गर्म है.

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