नई दिल्ली : ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस से बेरुखी की दास्तां काफी लंबी है. 18 महीने पहले मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के समय कमलनाथ जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए, सिंधिया तभी नाराज हो गए थे.
उस समय पार्टी हाईकमान ने सिंधिया को चुनाव प्रचार समिति की कमान दे दी थी. लेकिन पर्याप्त चुनाव प्रचार संसाधन मुहैया न कराए जाने के समले को लेकर कमलनाथ और सिंधिया के बीच खूब तनातनी हुई थी.
चुनाव के बाद कमलनाथ ने सावर्जनिक रूप से कहा था, 'सिंधिया ने चुनाव में कोई मदद नहीं की. सारा मामला खुद मुझे देखना पड़ा.'
दूसरी ओर सिंधिया समर्थकों का कहना है कि सिंधिया ने चुनाव में खूब मेहनत की और ग्वालियर संभाग में पार्टी को अच्छी सफलता मिली. लेकिन मुख्यमंत्री बनाने के मुद्दे पर दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस आलाकमान, खासकर राहुल और सोनिया गांधी से कहा कि ज्योतिरादित्य अभी युवा हैं, उनके पास कई मौके होंगे. लेकिन कमलनाथ के लिए आखिरी मौका है.
लोकसभा चुनाव के समय सिंधिया से यह वादा किया गया था कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार आई तो सिंधिया नंबर टू होंगे. लेकिन सरकार आई नहीं, सिंधिया भी चुनाव हार गए. लेकिन सिंधिया का मानना था कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने उनके चुनाव पर नकारात्मक असर डाला.
पश्चिमी यूपी प्रभारी के तौर पर सिंधिया फिसड्डी साबित हुए. उनका खराब प्रदर्शन कांग्रेस नेताओं में उपहास का विषय बना. दिग्विजय सिंह और कमलनाथ कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत में सिंधिया का मखौल उड़ाते थे. यह बात सिंधिया तक पहुंचती रहती थी.
ज्योतिरादित्य का कमलनाथ और दिग्विजय से संबंध खराब होने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है कि सिंधिया कैंप के लोगों को मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण महकमा नहीं दिया गया. इन मंत्रियों के फाइलों पर भी सीधे सीएम का दखल होता था. सिंधिया समर्थक विधायक अगर क्षेत्र के काम अपनी पसंद से कराना चाहते तो न सीएम सुनते थे और न वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी. वो विधायक सिंधिया के पास आकर रोना रोते थे.
कमलनाथ सरकार के कामकाज में सिंधिया का दखल नहीं था. सिंधिया मुख्यमंत्री तक संदेश भेजवाते, लेकिन मुख्यमंत्री अनसुना कर देते थे. अधिकारी सिंधिया की बात पर ध्यान नहीं देते थे और न उनके क्षेत्र पर. जब सिंधिया ने काम न होने पर सड़क पर उतरने की बात कहकर दबाव बनाने की कोशिश की तो कमलनाथ ने दो टूक जवाब दिया कि जिनको सड़क पर उतरना है उतरें, हम देख लेंगे.