लखनऊ : दीपावली का पर्व खत्म होने के साथ ही पूरे उत्तर भारत में रहने वाले लोगों को बेसब्री से डाला छठ पर्व का इंतजार रहता है. बिहार में होने वाले इस महापर्व का विस्तारीकरण अब उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश के अलग-अलग राज्यों में तेजी से हो रहा है. खासतौर पर धर्म नगरी काशी में मिनी बिहार का नजारा डाला छठ के मौके पर देखने को मिलता है.
अगर यह कहें कि काशी के एक खास प्रोडक्ट के बिना डाला छठ का यह त्योहार बिहार और उत्तर भारत के अन्य जिलों में कुछ फीका सा होता है तो शायद गलत नहीं होगा, क्योंकि काशी में तैयार होने वाले पीतल के खास सूप की मांग डाला छठ के मौके पर बिहार-झारखंड समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों में जबर्दस्त होती है. इस सूप की मांग इतनी ज्यादा है कि डाला छठ पर बनारस से इसकी खरीदारी दूर-दूर से लोग करने आते हैं.
कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है पर्व
कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाले महापर्व छठ में अस्ताचलगामी और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर बच्चों के लंबी उम्र की कामना की जाती है. बिहार का यह महापर्व बनारस में भी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस महापर्व में बांस से बने सूप का विशेष महत्व होता है, क्योंकि इसी रूप में व्रती महिलाओं द्वारा जल में खड़े होकर भगवान सूर्य के आगे फल और अन्य भोग सामग्री को अर्पण किया जाता है.
31 अक्टूबर से छठ की होगी शुरुआत
31 अक्टूबर से नहाए-खाए के साथ इस महापर्व की शुरुआत होगी और पहला अर्घ्य दो नवम्बर और दूसरा अर्घ्य तीन नवम्बर को दिया जाएगा. जिसे लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इस दौरान बनारस में तैयार होने वाले खास पीतल के सूप की मांग भी जोरों पर है.