हैदराबादः 21 सितंबर 1991 को निकोलस पॉलिन ने बायोस्फीयर दिवस प्रस्तावित किया. बायोस्फीयर का मतलब है जीवमंडल यानी पृथ्वी का उपरी सतह पर एक ऐसा आवरण क्षेत्र है जिसमें प्रकृति को जीवित रहने के लिए अनुकूल माहौल मिलता है. इस चुनी गई तारीख का खास महत्व है. इस दिन हमारे उत्तरी गोलार्ध के शरद ऋतु में और दक्षिणी गोलार्ध के वसंत ऋतु में दिन और रात का समय विभाजन समान होता है.
इस प्रस्ताव का उद्देश्य दुनिया को याद दिलाना है कि हमारी धरती का जीवन सपोर्ट काफी नाजुक है और हमें इसे बचाकर रखने की जरूरत है क्योंकि हमारा और हमारी आने वाली पीढ़ियों का जीवन इसपर ही टिका है.
हमारा जीवमंडल काफी नाजुक है. हमारी ठोस ग्रह पृथ्वी जो हमारा एकमात्र घर है इसके चारो ओर जीवन सहायक क्षेत्र है और इसमें सूर्य से जीवन ऊर्जा मिलती है. जीवमंडल के बिना हम और हमारे वंशज अस्तित्व की उम्मीद नहीं कर सकते हैं, इसलिए हमें पूरी जिम्मेदारी से इसका ध्यान रखना चाहिए.
जीवमंडल
जीवमंडल पृथ्वी के उन हिस्सों से बना है जहां जीवन मौजूद है. बायोस्फीयर पेड़ों की गहरी जड़ प्रणालियों से लेकर समुद्र की खाइयों के अंधेरे वातावरण तक, हरे-भरे जंगलों और ऊंचे पर्वतों की चोटी तक फैला हुआ है. जीवमंडल को पारिस्थितिक तंत्र के रूप में भी जाना जाता है जिसमें सभी जीवन रूपों और उनके संबंधों को शामिल किया गया है, जिसमें वायुमंडल, जलमंडल और स्थलमंडल के तत्व शामिल हैं. चूंकि जीवन जमीन पर, हवा में और पानी में मौजूद है, जीवमंडल इन सभी क्षेत्रों को आवरण प्रदान करता है.
जीवमंडल की उत्पत्ति
जीवमंडल लगभग 3.5 बिलियन वर्षों से मौजूद है. जीवमंडल के प्रारंभिक चरण में प्रोकैरियोट्स नामक जीव रहे जो ऑक्सीजन के बिना जीवित रहे. प्राचीन प्रोकैरियोट्स में बैक्टीरिया और आर्किया जैसे एकल कोशिका वाले जीव शामिल थे.
जीवमंडल में ऑक्सीजन ने अधिक जटिल संरचनाओं वाले जीवों को विकसित होने की अनुमति दी. पौधों और अन्य प्रकाश संश्लेषक प्रजातियों का विकास हुआ. पशु जो पौधों और अन्य जानवरों का उपभोग करते हैं, विकसित हुए. बैक्टीरिया और अन्य जीव मृत जानवरों और पौधों को विघटित करने के लिए विकसित हुए.
इस विघटन से जीवमंडल को लाभ होता है. मृत पौधों और जानवरों के अवशेष मिट्टी और महासागर में पोषक तत्व प्रदान करते हैं. ये पोषक तत्व बढ़ते पौधों द्वारा पुनः अवशोषित होते हैं. भोजन और ऊर्जा का यह आदान-प्रदान जीवमंडल को एक स्वावलंबी और आत्म-नियमन प्रणाली वाला बनाता है.
जीवमंडल को कभी-कभी एक बड़े पारिस्थितिक तंत्र के रूप में माना जाता है जिसमें जीविति और अजीवित चीजों का जटिल समुदाय एकल इकाई के रूप में काम करती हैं. जीवमंडल के कई पारिस्थितिकी प्रणालियां होने की बात भी कही जाती है.
बायोस्फीयर रिजर्व्स लोग यानि मानव प्रजाति बायोस्फीयर में ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. कभी-कभी हम लोग इस प्रवाह को बाधित भी करते हैं. उदाहरण के लिए, वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है जब लोग जंगलों को साफ करते हैं या कोयले और तेल जैसे जीवाश्म ईंधन को जलाते हैं या पानी में औद्योगिक अपशिष्ट डालते हैं इससे वे जलमंडल को खतरे में डालते हैं.
जीवमंडल का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि लोग जीवन के क्षेत्र के भीतर अन्य जीवित चीजों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं. 1970 के दशक की शुरुआत में, संयुक्त राष्ट्र ने मैन एंड बायोस्फियर प्रोग्राम (एमएबी) नामक एक परियोजना की स्थापना की, जो सतत विकास को बढ़ावा देती है. बायोस्फीयर रिजर्व का एक नेटवर्क लोगों और प्राकृतिक दुनिया के बीच एक कामकाजी, संतुलित संबंध स्थापित करने के लिए मौजूद है.
वर्तमान में, दुनिया भर में 563 बायोस्फीयर रिजर्व हैं
पहला बायोस्फीयर रिज़र्व लोकतांत्रिक कांगो गणराज्य के यांग्बी में स्थापित किया गया था. उपजाऊ कांगो नदी के बेसिन में बसे यांग्बी में पेड़ों की 32,000 प्रजातियां और स्थानिक प्रजातियां निवास करती हैं. यहां जंगली हाथी और रेड रीवर हॉग (जंगली सूअर की एक जंगली प्रजाति) भी पाई जाती है. यांग्बी में बायोस्फीयर रिजर्व कृषि, शिकार और खनन जैसी गतिविधियों का समर्थन करता है.
सबसे नए बायोस्फीयर रिजर्व में से एक यायु, इथियोपिया में है. इस क्षेत्र को कृषि के लिए विकसित किया गया है. यहां शहद, लकड़ी और फल जैसी फसलों की नियमित खेती की जाती है. हालांकि, यायू का सबसे लाभदायक और मूल्यवान संसाधन कॉफिया अरेबिका है. यह झाड़ी कॉफी का स्रोत है. यायु के पास दुनिया में जंगली कॉफी अरेबिका का सबसे बड़ा स्रोत है.
जीवमंडल जलवायु विनियमन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अर्थात् जैवमंडल में परिवर्तन से जलवायु में परिवर्तन होता है. यह पृथ्वी पर जीवन को बढ़ावा देता है. जीवों को पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए, विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों का अस्तित्व होना चाहिए जैसे कि अनुकूल तापमान और नमी. जीवों को भी ऊर्जा और पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है.
जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक सभी खनिज और पशु पोषक तत्व पृथ्वी के जीवमंडल में पाए जाते हैं. मृत जीवों या जीवित कोशिकाओं के अपशिष्ट उत्पादों में मौजूद पोषक तत्व वापस यौगिकों में परिवर्तित हो जाते हैं जो अन्य जीवन रूपों के लिए भोजन बन जाते हैं. यह पोषक तत्व पुनर्चक्रण के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जीवमंडल के बाहर भोजन का कोई स्रोत नहीं है.
जैविक पदार्थ का उत्पादन - प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से जीवमंडल में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन का उत्पादन किया जाता है. ये पदार्थ कार्बनिक पदार्थों के उत्पादन की लगभग हर जैव रासायनिक प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार हैं. कार्बनिक पदार्थ कार्बन चक्र के माध्यम से उत्पन्न होता है, जिसमें स्थलीय और कार्बनिक दोनों प्रकार के सब्सट्रेट शामिल हैं.