नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस (कोविड-19) के ताजा मामले सामने आने के बाद केंद्र सरकार एहतियात बरतते हुए सभी आवश्यक कदम उठा रही है. आकस्मिक योजना के तौर पर उठाए जा रहे कदमों में पाकिस्तान के साथ सीमा बिंदुओं (बॉर्डर प्वॉइंट्स) पर आवाजाही पर रोक भी शामिल है.
वायरस से बचाव के लिए उठाए जा रहे कदमों में सीमावर्ती इलाकों में आवाजाही बंद करने व ईरान से आने वाले यात्रियों की सघन जांच करना शामिल है.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, करतारपुर और वाघा सीमा पर आवाजाही बंद करने को कहा गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बुधवार को बताया कि भारत सरकार ईरान में फंसे भारतीयों को निकालने पर भी काम कर रही है.
उन्होंने कहा कि भारत से चार वैज्ञानिकों को ईरान भेजा जा रहा है. इसके अलावा वहां लैब स्थापित करने के लिए उपकरण भी भेजे जा रहे हैं.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार चाहती है कि ईरान में लैब स्थापित कर वहीं भारतीयों की जांच कर उन्हें भारत लाए, हालांकि यह सब ईरान के सहयोग पर निर्भर करेगा.
उन्होंने कहा कि पहले केवल 12 देशों के यात्रियों की एयरपोर्ट पर चेंकिंग की जा रही थी, लेकिन अब फैसला किया गया है कि विदेश से आने वाली सभी फ्लाइट्स के यात्रियों की जांच की जाएगी.
बता दें कि वायरस के कारण देश में अब तक कुल 28 लोग संक्रमित पाए गए हैं. इनमें केरल के तीन मरीज थे, जो ठीक होकर घर जा चुके हैं. अभी 25 संक्रमित लोगों में इटली के 16 पर्यटक भी शामिल हैं.
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डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि दिल्ली में संक्रमित पाए गए शख्स के कारण उसके परिवार के आगरा में रहने वाले छह लोग भी कोरोना से संक्रमित हुए हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में अभी कोरोना के कुल 25 कंफर्म मामले हैं. इटली से भारत घूमने आए एक समूह के 16 लोग कोरोना से पीड़ित हैं और इनके संपर्क में आने के कारण इनके साथ चल रहा एक भारतीय चालक भी कोरोना से पीड़ित हो गया है.