हैदराबाद : कोरोना काल में बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सोनू सूद जरूरतमंद लोगों के लिए हर संभव सहायता कर रहे हैं. वह इस मुश्किल घड़ी में लोगों के लिए देवदूत बनकर सामने आए हैं. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने सोनू सूद से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस वक्त जितने प्रवासी, जरूरतमंद लोग हैं, वे कहीं ना कहीं से उन्हें ढूंढ ही लेते हैं. उन्होंने कहा, 'मेरी अंतरआत्मा मुझे लोगों की मदद करने के लिए प्रेरित करती है.' राजनीति में एंट्री के सवाल पर सोनू ने कहा कि पिछले 10 साल से पार्टियां उनसे सियासत में एंट्री के लिए संपर्क करती आई हैं, लेकिन उनका इरादा सियासत से ज्यादा सेवा का है. पेश हैं हमारे रीजनल एडिटर ब्रजमोहन सिंह से सोनू सूद के बेबाक साक्षात्कार के मुख्य अंश...
सवाल : लोगों की मदद के लिए मशहूर अभिनेता सोनू सूद को प्रेरणा कहां से मिलती है?
बहुत से परिवारों की दुआएं मेरे साथ हैं, जिसकी वजह से मुझे यह काम करने की प्ररेणा मिलती है. मेरे माता-पिता ने मुझे यही शिक्षा दी है कि दूसरों की मदद करने पर ही मुझे कामयाबी मिल सकती है. मैं उन्हीं के बताए रास्तों पर चल रहा हूं और मेरी यह कोशिश जारी है कि जरूरतमंद लोगों तक मैं मदद पहुंचा पाऊं.
सवाल : सोनू सूद ही वह शख्स निकले, जिन्होंने आपदा को अवसर बना लिया.
मैं कोशिश करता हूं कि हर किसी तक पहुंच सकूं क्योंकि जरूरतमंद लोग मेरे पास एक उम्मीद लेकर आते हैं और मैं अपनी पूरी कोशिश करता हूं कि हर व्यक्ति की मदद कर सकूं. ऐसा लगता है कि भगवान ने मुझे कोई जनून दिया है, जिसकी वजह से मैं 15-16 घंटों तक सड़कों पर रहकर लोगों की मदद कर रहा हूं.
सवाल : यह पंजाब के संस्कार तो नहीं, जो आपको लोगों की सहायता करने के लिए प्रेरित करते हैं?
मेरे पिता पंजाब में लोगों के लिए लंगर लगाकर उन्हें खाना खिलाते थे. मैं अपने पिता के सेवा भाव को देख-देखकर बड़ा हुआ हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि पिता से लोगों की मदद करने की प्ररेणा, जो मुझे मिली थी, वह संकट की इस घड़ी में काम आएगी.
सवाल : लोगों की सेवा का भाव क्या सोनू सूद की सोच का हिस्सा बन गया है?
पंजाब के लोगों के अंदर सेवा-भाव होता है, वे अपने त्योहारों पर जगह-जगह लंगर लगा कर लोगों की सेवा करते हैं. यही कारण है, जिसकी वजह से मुझे लोगों की मदद करने की प्रेरणा मिलती है.
सवाल : बॉलीवुड में विलेन की भूमिका निभाने वाले सोनू सूद क्या अंदर से बहुत सरल स्वभाव के हैं?
कैमरे के आगे मैं एक किरदार निभाता हूं, लेकिन असल जिंदगी मैं लोगों की मदद कर भगवान का दिया किरदार निभा रहा हूं. वहीं, आगे भी इस काम को बखूबी करते रहना मेरे जीवन का लक्ष्य है.
सवाल : आंध्र प्रदेश में लड़कियों द्वारा हल खींचे जाने की घटना के बारे में क्या है सोनू सूद की राय?
लड़कियों द्वारा हल खींचने वाले वीडियो ने मुझे काफी विचलित किया था. उसके बाद मैंने उस गरीब किसान से संपर्क किया और अपनी तरफ से उन्हें ट्रैक्टर देने की बात कही. मुसीबत के वक्त में किसी के लिए अफसोस करना बहुत आसान है, लेकिन ऐसे वक्त में मेरी कोशिश जरूरतमंदों की मदद की रहती है.
सवाल : हिमाचल में गाय बेचकर अपने बच्चों की पढ़ाने वाले परिवार से सोनू सूद की क्या बात हुई?
मैंने कुलदीप के परिवार से बातचीत की थी. इस दौरान कुलदीप ने बनावाने की मांग की थी, जिसकी कवायद मैंने शुरू कर दी है. इस तरह कि घटनाएं मेरे लिए प्रेरणा की तरह हैं, जो अपने बच्चों की पढ़ाने के लिए अपनी आय के साधान को बेचने के लिए तैयार हैं. मैं इन घटनाओं को पॉजिटिव नजरिए से देखता हूं.
सवाल : प्रवासी मजदूरों के लिए सोनू सूद ने कौन सा एप लॉन्च किया है?
इस एप के जरिए जरूरतमंद लोग मुझसे जुड़ सकते हैं. लोग इस एप से अपने से संबंधित जानकारी मुझ तक पहुंचा सकते हैं. मैं कई एनजीओ और कॉरपोरेट से भी जुड़ रहा हूं, जिससे गरीब लोगों को रोजगार मुहैया करवा सकूं. वहीं, इस एप से जुड़ने वाले लोगों की हम स्किल डेवलपमेंट और स्किल मैपिंग में भी मदद करेंगे.
सवाल : स्किल मैपिंग में जो काम सरकारें नहीं कर पाईं, क्या वह काम सोनू सूद कर पाएंगे?