नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जुड़े फैसले को 'असंवेदनशील' करार देते हुए मंगलवार को नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि कोरोना महामारी के समय लोगों की परेशानी को बढ़ाने वाली इस वृद्धि को वापस लिया जाए.
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाकर 2,60,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का प्रयास कर रही है, लेकिन जब प्रधानमंत्री देश के लोगों के आत्मनिर्भर होने की उम्मीद करते हैं तो ऐसे संकट के समय लोगों पर वित्तीय बोझ डालना उचित नहीं है.
सोनिया ने कहा, 'मौजूदा कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के दौरान भारत को स्वास्थ्य संबंधी, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. मुझे इस बात की पीड़ा है कि ऐसे मुश्किल समय में सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का असंवेदनशील निर्णय लिया.'
उनके मुताबिक ऐसे समय सरकार के इस फैसले का कोई औचित्य समझ नहीं आता जब देश के करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गई हैं, उनके सामने जीविका का संकट खड़ा है, छोटे, मध्यम एवं बड़े कारोबार बंद हो रहे हैं और किसानों को भी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में करीब नौ फीसदी की कमी आई, लेकिन सरकार मुश्किल के समय लोगों को इसका लाभ देने के लिए कुछ नहीं कर रही है.