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साल का अंतिम सूर्यग्रहण, जानें सबकुछ - सूर्यग्रहण से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

साल का अंतिम सूर्यग्रहण शुरू हो चुका है. द. भारत के कई शहरों से इसे देखा जा सकता है. जानें सूर्यग्रहण से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य...

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इस गांव में 100 प्रतिशत तक नजर आएगा सूर्य

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Published : Dec 26, 2019, 12:03 AM IST

Updated : Dec 26, 2019, 8:30 AM IST

बेंगलुरु :साल 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण (5 पौष, शक संवत 1941) शुरु हो गया. दक्षिण के राज्यों से इसे देखा जा सकता है. सूर्य ग्रहण सुबह 8.20 से 1:28 (पीएम) तक दिखाई देगा. इस ग्रहण पर देश भर के वैज्ञानिकों की नजर है. बताते चलें कि कर्नाटक के कोडागु मदिकेरी के एक गांव काइमानि (Kayimani) में इस ग्रहण को 100 प्रतिशत देखा जा सकता है.

गौरतलब है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इस ग्रहण को देखने की तैयारी की है. क्षेत्र के खेत में विशेष व्यवस्था की गई है. जगह-जगह टेलिस्कोप लगाए गए हैं. छात्र और लोग भी इस साल के आखिरी सूर्यग्रहण को देख सकते हैं.

कहां कैसे नजर आएगा सूर्य
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा एक बयान में बताया गया कि भारत में सूर्योदय के बाद इस वलयाकार सूर्य ग्रहण को देश के दक्षिणी भाग में कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के हिस्सों देखा जा सकेगा, जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई देगा. वहीं कर्नाटक के कोडागु मदिकेरी के एक गांव काइमानि (Kayimani) में सूर्य 100 प्रतिशत नजर आएगा.

इस गांव में 100 प्रतिशत तक नजर आएगा सूर्य

सूर्यग्रहण का समय
भारतीय मानक समय अनुसार आंशिक सूर्यग्रहण सुबह आठ बजे आरंभ होगा, जबकि वलयाकार सूर्यग्रहण की अवस्था सुबह 9.06 बजे शुरू होगी. सूर्य ग्रहण की वलयाकार अवस्था दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी, जबकि ग्रहण की आंशिक अवस्था दोपहर एक बजकर 36 मिनटर पर समाप्त होगी.

कहां से होकर गुजरेगी ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था
ग्रहण की वलयाकार प्रावस्था का संकीर्ण गलियारा देश के दक्षिणी हिस्से में कुछ स्थानों यथा कन्नानोर, कोयंबटूर, कोझीकोड, मदुरई, मंगलोर, ऊटी, तिरुचिरापल्ली इत्यादि से होकर गुजरेगा. भारत में वलयाकार सूर्य ग्रहण के समय सूर्य का करीब 93 फीसदी हिस्सा चांद से ढका रहेगा.

क्या होता है सूर्यग्रहण
सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा के आ जाने से सूर्य का प्रकाश जब पृथ्वी पर नहीं पहुंच पाता है तो इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं.

ग्रहण की अवधि
वलयाकार पथ से देश के उत्तर एवं दक्षिण की ओर बढ़ने पर आंशिक सूर्य ग्रहण की अवधि घटती जाएगी. आंशिक ग्रहण की अधिकतम प्रावस्था के समय चंद्रमा द्वारा सूर्य का आच्छादन बंगलोर में लगभग 90 फीसदी चेन्नई में 85 फीसदी, मुंबई में 79 फीसदी, कोलकाता में 45 फीसदी, दिल्ली में 45 फीसदी, पटना में 42 फीसदी, गुवाहाटी में 33 फीसदी, पोर्ट ब्लेयर में 70 फीसदी और सिलचर में 35 फीसदी रहेगा.

कहां दिखेगा सूर्य का वलयाकार
सूर्य का वलयाकार ग्रहण भूमध्य रेखा के निकट उत्तरी गोलार्ध में एक संकीर्ण गलियारे में दिखाई देगा. वलयाकार पथ सऊदी अरब, कतर, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, भारत, श्रीलंका के उत्तरी भाग, मलेशिया, सिंगापुर, सुमात्रा एवं बोर्निओ से होकर गुजरेगा.

पढे़ं : 26 दिसंबर को 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण, दक्षिण भारत में उत्साह

अलगा सूर्यग्रहण कब होगा
अगला सूर्य ग्रहण भारत में 21 जून, 2020 को दिखाई देगा. यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा. वलयाकार अवस्था का संकीर्ण पथ उत्तरी भारत से होकर गुजरेगा. देश के शेष भाग में यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दिखाई पड़ेगा.

Last Updated : Dec 26, 2019, 8:30 AM IST

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