नई दिल्ली/इस्लामाबाद: विंग कमांडर अभिनंदन को छोड़े जाने के बाद पाकिस्तान की ओर से इमरान खान के लिए नोबेल अवार्ड की पैरवी की जा रही है. उनकी दलील है कि इमरान के कदम से दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ है. पाक असेंबली के सचिवालय में इससे संबंधित प्रस्ताव रखा गया है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने यह प्रस्ताव रखा है. ये अलग बात है कि सोशल मीडिया पर इस खबर पर खूब चटखारे लिए जा रहे हैं. लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या वाकई इमरान शांति के पुजारी हैं या आर्मी का एक मुखौटा भर.
इमरान ने खूब नौटंकी की. अभिनंदन की रिहाई को शांति का पैगाम बता डाला. लेकिन उन्होंने जिस तरीके से अभिनंदन की रिहाई को ड्रामा बनाने की कोशिश की और जिस तरीके से मीडिया के सामने इसे तमाशा बनाया, उससे उनकी मंशा पर सवाल खड़े हो जाते हैं. दरअसल, ऐसा लगा जैसे इमरान और वहां की आर्मी एक ही स्क्रिप्ट के दो अलग-अलग किरदार हैं.