नई दिल्ली : भारतीय नौसेना ने सुरक्षा और संवेदनशील जानकारी लीक होने को रोकने के लिए फेसबुक जैसे सोशल साइट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही नौसेना के ठिकानों, डॉकयार्ड और ऑन-बोर्ड युद्धपोतों पर स्मार्ट फोन के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
दरसल विदेशी जासूसी कंपनियां किसी देश की सुरक्षा जानकारी निकालने के लिए हनी ट्रैप का इस्तेमाल करती है. वहीं देश के कई जवान फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए पहले भी हनी ट्रैप शिकार हो चुके हैं.
नौसेना में पिछले कुछ दिनों में सुचना लीक करने को लेकर सात नौसेना अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है.
जिसके बाद नौसेना द्वारा 27 दिसंबर को लिए गए इस फैसले में, नौसेना अधिकारियों को शिप या डॉकयार्ड पर या उसके आस-पास के क्षेत्र में किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट, स्मार्ट फोन के इस्तेमाल को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
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बता दें कि केंद्रीय खुफिया विभाग ने एक जासूसी रैकेट का भांडाफोड़ करते हुए आंध्र प्रदेश से आठ नाविकों गिरफ्तार किया गया था. जिनके पास से नौसेना से जुड़ी कई खुफिया सुचनाएं बरामद हुई थीं.
आंध्र प्रदेश पुलिस की विज्ञप्ति में महज इतना कहा गया था कि उसकी खुफिया शाखा ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और नौसेना के खुफिया विभाग के साथ मिलकर 'ऑपरेशन डॉल्फिन्स नोज' चलाया और इस जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया.
विज्ञप्ति में कहा गया है, 'प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. देश के विभिन्न हिस्सों से नौसेना के सात कर्मियों और एक हवाला संचालक को गिरफ्तार किया गया है. कुछ अन्य संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है.'