अमेठी/नई दिल्ली : कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली अमेठी सीट पर सबकी नजरें थी. यहां पर राहुल गांधी और स्मृति इरानी के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद थी, लेकिन स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को कड़ी शिकस्त दी है. यहां राहुल करीब 30 हजार वोटों से हार गए हैं.
राहुल के ट्वीट के बाद स्मृति इरानी ने कहा कि कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता. 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल ने 107903 वोटों से जीत दर्ज की थी.
स्मृति इरानी ने ट्वीट कर दी प्रतिक्रिया राहुल गांधी ने हार के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि 'मैं लोगों के इस निर्णय का आदर करता हूं और स्मृति इरानी को उनकी जीत पर बधाई देता हूं.'
प्रियंका गांधी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'हम इस जनादेश को स्वीकार करते है पीएम मोदी और सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हैं.'
अपनी परंपरागत सीट पर राहुल गांधी को मिला ये जनादेश कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. राहुल गांधी ने इस लोकसभा चुनाव में दो जगह से नामांकन दाखिल किया था. एक अमेठी और दूसरा केरल की वायनाड सीट. वायनाड में राहुल ने बड़ी जीत दर्ज की है.
अमेठी लोकसभा सीट का यह रिकॉर्ड रहा है कि आज तक गांधी परिवार का कोई भी नेता अमेठी सीट पर हारा नहीं है. लेकिन इस बार के नतीजे आने से यह गांधी परिवार के लिए सबसे ज्यादा शर्मनाक हार मानी जा रही है.
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तो वहीं सोनिया गांधी ने राजनीति में कदम रखा तो उन्होंने 1999 में अमेठी को अपनी कर्मभूमि बनाया. वह इस सीट से जीतकर पहली बार संसद पहुंचीं थी. हालांकि, 2004 के चुनाव में उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी के लिए ये सीट छोड़ दी.