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2022 तक सील कर दिया जाएगा भारत पाकिस्तान बार्डर - fencing to stop infiltration in india

भारत ने पड़ोसी मुल्कों से की जाने वाली अवैध घुसपैठ से निपटने के पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी सीमाओं की घेराबंदी करेगी. पाकिस्तान से लगी सीमाओं की घेराबंदी 2022 तक पूरी कर ली जाएगी वहीं बांग्लादेश से लगी सीमाओं को 2020 तक सुरक्षित कर लिया जाएगा. जानें पूरी खबर....

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Published : Sep 9, 2019, 11:45 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 1:54 AM IST

नई दिल्ली: सीमापार से घुसपैठ को रोकने के लिए,भारत ने मार्च 2022 तक 64.38 किलोमीटर के पश्चिमी सीमा की घेराबंदी करने का फैसला किया है. भारत ने इस पश्चिमी सीमा के घेराबंदी पूरा करने के लिए मार्च 2022 की समय सीमा तय की है.

भारत ने पाकिस्तान से लगी 2069.046 किलोमीटर लगी सीमा पर घेराबंदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह फैसला पाकिस्तान द्वारा की जा रही घुसपैठ को रोकने के लिए किया जा रहा है.

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब तक 2004.666 किलोमीटर सीमा की घेराबंदी की जा चुकी है. बचे हुए 64.38 किलोमीटर सीमा घेराबंदी को 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा.

भारत और पाकिस्तान की सीमा का विस्तार 3323 किलोमीटर का है. इस सीमा के अंतर्गत जमीनी सीमाएं और नदियों से लगी सीमांए आती हैं. भारत और पकिस्तान की सीमा भारत के चार राज्यों से सटी है. जिसमें 1,225 किलोमीटर लंबी (जिसमें 740 किलोमीटर की लाइन आफ कंट्रोल है) सीमा जम्मू-कश्मीर से लगी हुए है. वहीं राजस्थान में 1,037 किलोमीटर लंबी सीमा है. पाकिस्तान से लगी सीमा की लंबाई पंजाब में 533 किलोमीटर और गुजरात में 508 किलोमीटर है.

भारत ने सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सीमा सुरक्षा बलों की तैनाती, सीमा पर बाड़ लगाने और फ्लडलाइटिंग शामिल हैं.

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सूत्रों के हवाले से खबर है कि गृहमंत्री अमित शाह ने अधिकारियों से इस करोड़ो की लागत वाले प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने की हिदायत दी है. पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर बाड़ लगाना गृह मंत्रालय द्वारा अपनाई जा रही आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति का एक हिस्सा है.

अधिकारियों ने बताया कि रेगिस्तान, पहाड़, जंगल और नदी के किनारों की वजह से सीमा की घेराबंदी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है..

जून 2016 से इस साल जून तक घुसपैठ करने वाले 745 आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में निष्क्रिय किया जा चुका है.

ईटीवी भातर के पास मौजूद आकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर साल 2016 को दौरान 322 आतंकी हमले हुए, ऐसे हमलों की संख्या 2017 में 342 हुई वहीं 2018 में बढ़कर 614 हो गई.

इन आतंकी हमलों में 2016 में 15 लोग मारे गए, 40 लोगों की मौत 2017 मे हुई वहीं 2018 में 39 लोग ने इन आतंकी हमलों के दौरान अपनी जान गंवाई है. इसी तरह अगर बात की जाए सुरक्षा बलों की तो 2016 में 82 सुरक्षाबल, 2017 में 80 और 2018 में 91 सुरक्षाबल शहीद हुए हैं.

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इसी तरह गृह मंत्रालय ने 2020 तक भारत और बांग्लादेश से लगी सीमाओं की घेराबंदी करने का लक्ष्य रखा है.

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेश से लगी भारत की 3326.14 किलोमीटरी लंबी सीमा की घेराबंदी का कार्य प्रगति पर है जिसमें 2804.013 कीलोमीटर तक घेराबंदी की जा चुकी है. बची हुई 169.64 किलेमीटर की सीमा की घेराबंदी का काम 2020 तक पूरा किए जाने की उम्मीद है.

भारत और बांग्लादेश से आपस में लगी सीमा की लंबाई 4096 किलोमीटर है.

गृह मंत्रालय ने घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए बार्डर पर लेजर बाड़ और टेक्नोलॉजिकल बैरियर का इस्तेमाल करने की पहले ही शुरू कर दी है.

Last Updated : Sep 30, 2019, 1:54 AM IST

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