नई दिल्ली: सीमापार से घुसपैठ को रोकने के लिए,भारत ने मार्च 2022 तक 64.38 किलोमीटर के पश्चिमी सीमा की घेराबंदी करने का फैसला किया है. भारत ने इस पश्चिमी सीमा के घेराबंदी पूरा करने के लिए मार्च 2022 की समय सीमा तय की है.
भारत ने पाकिस्तान से लगी 2069.046 किलोमीटर लगी सीमा पर घेराबंदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह फैसला पाकिस्तान द्वारा की जा रही घुसपैठ को रोकने के लिए किया जा रहा है.
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब तक 2004.666 किलोमीटर सीमा की घेराबंदी की जा चुकी है. बचे हुए 64.38 किलोमीटर सीमा घेराबंदी को 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा.
भारत और पाकिस्तान की सीमा का विस्तार 3323 किलोमीटर का है. इस सीमा के अंतर्गत जमीनी सीमाएं और नदियों से लगी सीमांए आती हैं. भारत और पकिस्तान की सीमा भारत के चार राज्यों से सटी है. जिसमें 1,225 किलोमीटर लंबी (जिसमें 740 किलोमीटर की लाइन आफ कंट्रोल है) सीमा जम्मू-कश्मीर से लगी हुए है. वहीं राजस्थान में 1,037 किलोमीटर लंबी सीमा है. पाकिस्तान से लगी सीमा की लंबाई पंजाब में 533 किलोमीटर और गुजरात में 508 किलोमीटर है.
भारत ने सीमा पार से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सीमा सुरक्षा बलों की तैनाती, सीमा पर बाड़ लगाने और फ्लडलाइटिंग शामिल हैं.
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सूत्रों के हवाले से खबर है कि गृहमंत्री अमित शाह ने अधिकारियों से इस करोड़ो की लागत वाले प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने की हिदायत दी है. पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर बाड़ लगाना गृह मंत्रालय द्वारा अपनाई जा रही आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति का एक हिस्सा है.
अधिकारियों ने बताया कि रेगिस्तान, पहाड़, जंगल और नदी के किनारों की वजह से सीमा की घेराबंदी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है..