चेन्नई : अंतरिक्ष वेस्ट वेंचर्स ने आईआईटी मद्रास के समर्थन से कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एक स्मार्ट बिन सिस्टम विकसित किया है. इसका इस्तेमाल अस्पताल, सार्वजनिक जगहों और संगरोध क्षेत्र में किया जाएगा.
इस 'एयरबिन' को आईओटी सिस्टम के माध्यम से अपशिष्ट संचय के स्तर और मंजूरी की दूरस्थ निगरानी करने में सक्षम बनाया गया है. यह ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों की बिन को ओवरफ्लो होने से पहले साफ करने में मदद करेगा. यह अभिनव उत्पाद लगभग पांच महीनों में बाजार में आ जाएगा.
आईआईटी मद्रास ने विकसित किया स्मार्ट बिन सिस्टम अंतरिक्ष वेस्ट वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक महेक महेंद्र शाह ने कहा ने कि दूरस्थ अपशिष्ट स्तर की निगरानी, स्मार्ट पिकअप, स्वच्छता टीमों के लिए अच्छे सुरक्षा गियर के साथ कौशल विकास और सर्वोत्तम स्वच्छता प्रथाओं पर नागरिकों को शिक्षित करना, आने वाले महीनों में इस उद्योग को आगे बढ़ाने वाले कुछ प्रमुख तत्व होंगे.
आईआईटी मद्रास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तमस्वती घोष ने कहा कि हमें अपने स्टार्टअप पर बहुत गर्व है. हम कोरोना से लड़ाई में काम आने वाले एन95 मास्क, वेंटिलेटर, सस्ती परीक्षण किट जैसी चीजों पर लगातार काम कर रहे हैं.
आईआईटी मद्रास ने विकसित किया स्मार्ट बिन सिस्टम गौरतलब है कि भारत में पैदा होने वाला केवल 28 प्रतिशत कचड़ा पुनर्नवीनीकरण होता है. विभिन्न अध्ययनों में पाया गया है कि देश में उत्पन्न होने वाला कचरा हर पांच साल में दोगुना हो रहा है.
'एयर बिन' स्मार्ट बिन सिस्टम के उपयोग से यह होगा आसान :
- कचड़ों के डिब्बों की दूर से ही निगरानी हो सकेगी
- डिब्बों के भरने से पहले ही अलर्ट प्राप्त हो जाएगा
- त्वरित संग्रहण, परिवहन और निपटान के लिए अपशिष्ट प्रबंधन प्रक्रिया की योजना में सुधार होगा
- अलग अलग जगहों से कचड़ों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी
- समय-समय पर बिन की स्थिति के साथ संबंधित स्वच्छता टीमों का भी अपडेट लिया जाएगा