अजमेर : भूले-बिसरे यादों में बसी 1940 से 1950 के दौर की सुप्रसिद्ध अभिनेत्रियों को अदिति ने कैनवास पर उकेर उन्हें जीवंत कर दिया. अपनी प्रतिभा के दम पर अदिति ने स्केच की एक ऐसी सीरीज तैयार की है, जिसकी उम्मीद बड़े कलाकारों से ही की जा सकती है.
कहते हैं हर शख्स में कोई न कोई प्रतिभा होती है. जरूरत है उस प्रतिभा को पहचाने की और उसे तराशने की. उसके बाद प्रतिभा को आगे बढ़ने से कोई नही रोक सकता. 9 वर्ष की आयु में किताब लिखकर सबसे कम उम्र की लेखिका बनने का गौरव हासिल कर चुकी अजमेर की बेटी अदिति ने इस बार अपने नन्हे हाथों से बड़ा हुनर पेश किया है.
अदिति का यह काम बेहद कमाल है. अजमेर के हुनरमंद लोगों में अदिति कल्याणी सबसे कम उम्र की है. 9 साल की उम्र में खिड़की से रोज बिल्लियों को देखते हुए उसने किताब लिख डाली थी. उनके इस हुनर की वजह से वह सबसे कम उम्र की लेखिका का सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं लेकिन, अदिति यहीं नहीं रुकी.
अदिति कल्याणी ने अपने हुनर से कागज पर स्केच बनाकर न केवल अभिनेत्रियों की खूबसूरती को उकेरा. बल्कि, उनके अंदाज को भी नन्ही तूलिका से आकार दिया. अदिति कहती हैं कि इन सभी अभिनेत्रियों ने भारतीय सिनेमा की शुरुआत के ऐसे दौर में काम किया, जब महिलाओं को इतनी आजादी नहीं मिलती थी. महिलाओं को घर की चारदीवारी में ही रखा जाता था और शिक्षा से भी वह वंचित ही रहती थी.
ऐसे दौर में कई अभिनेत्रियों ने रूढ़ीवादी बंदिशों को तोड़ा और सिनेमा जगत में अपना विशेष मुकाम बनाया. इनमें से कई एक्ट्रेस ऐसी थीं जिन्होंने सिर्फ अदाकारी ही नहीं दिखाई, बल्कि वे गायन, फिल्म निर्देशन और निर्माण के क्षेत्र में भी आगे रहीं. ये स्केच उनकी यादों को दर्शाते हैं और उन्हें सम्मान देते हैं.
इन अदाकाराओं के बनाए स्केच