नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद श्रीनगर अपने घर पहुंचे थे. लेकिन उन्हें जम्मू एयरपोर्ट पर ही रोक कर वापस दिल्ली भेज दिया गया. दरअसल, सरकार ने उन्हें श्रीनगर जाने से रोक रखा है.
गौरतलब है कि श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री पहले से ही नजरबंद हैं. कई इलाकों में कर्फ्यू है. गुलाम नबी आजाद का कहना है कि वह अपने घरवालों से मिलने जा रहे थे. लेकिन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी उन्हें घर जाने की आजादी नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है, जहां तीन मुख्यमंत्री नजरबंद हैं और चौथे को घर नहीं जाने दिया जा रहा. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि राज्य में यथास्थिति बहाल हो और संचार व्यवस्था सुचारू हो.
उन्होंने कहा कि राज्य में हालात खराब है. संचार व्यवस्था ठप है. स्कूल कॉलेज बंद है और सरकार कह रही है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य है.
आजाद ने कहा कि पुलिस प्रशासन सरकार के आदेश का अनचाहे मन से पालन कर रही है. यह उनकी और कश्मीरियों की मजबूरी है. उन्होंने कहा कि घाटी में कोई अपनों से मिल नहीं पा रहा है और न बातचीत नहीं कर पा रहा है.
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इस, मामले पर प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने कहा कि आजाद साहब दोपहर दो बजकर 45 मिनट पर दिल्ली से (जम्मू) पहुंचे और उन्हें हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकलने दिया गया. शाम चार बजकर 10 मिनट पर उन्हें वापसी की उड़ान से दिल्ली भेज दिया गया.
आजाद के करीबी सहयोगियों ने बताया कि जम्मू हवाई अड्डे पर उतरने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को हवाई अड्डे से बाहर नहीं निकलने दिया गया। वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में शामिल होने वाले थे.
कांग्रेस नेता गोएयर की उड़ान से शाम को दिल्ली के लिए रवाना हुए.
इससे पहले, केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के मद्देनजर प्रशासन द्वारा लगायी गयी पाबंदियों के बाद आठ अगस्त को आजाद को कुछ समय के लिए रोका गया था और श्रीनगर हवाई अड्डे से वापस भेज दिया था.
शर्मा ने कहा, ' यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें (आजाद) पिछले दो हफ्ते में अपने गृह राज्य जाने की अनुमति नहीं दी गयी। वह जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. राज्य से राज्यसभा के सदस्य हैं और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं.'
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अनुच्छेद 370 की कई धाराएं खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के कदम से पैदा हुए हालात की पृष्ठभूमि में लोगों से बातचीत करने कश्मीर जा रहे थे.
उन्होंने दावा किया, ‘उनको जाने की इजाजत नहीं देना दिखाता है कि किस तरह मुख्यधारा की राष्ट्रीय पार्टी को मौजूदा हालात के बारे में बात करने और चर्चा करने की अनुमति नहीं दी जा रही.'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके नेता गड़बड़ी फैलाने’ वाले नहीं हैं कि राज्य इस तरह का बर्ताव कर रहा है.
वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने कहा कि घाटी में हालात सामान्य हैं. उन्होंने बताया कि बीत रोज के मुकाबले आज प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की संख्या ज्यादा थी और इसलिए सरकार ने कश्मीर के मिडिल स्कूलों को भी कल खोलने का निर्णय लिया है.
बता दें, सरकार ने बीते रोज जम्मू-कश्मीर में प्राइमरी स्कूलों को खोलने का फैसला लिया था, जिसके आज अच्छे परिणाम सामने आने पर सरकार ने कल घाटी में मिडिल स्कूलों को भी खोलने का फैसला किया है.
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मीडिया से बातचीत करते हुए प्रधान सचिव रोहित कंसल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के 22 जिलों में से 12 जिलों में सामान्य स्थिति है. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर के 197 पुलिस थाना क्षेत्रों में से 136 थाने ऐसे हैं, जिनमें किसी भी तरह की डे-टाइम पाबंदियां नहीं हैं.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकारी महकमे भी खोल दिये गए हैं और यहां आने वाले सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी भी सामान्य से बढ़कर है. उन्होंने जानकारी दी कि पिछले 12 दिनों में कश्मीर के 734 ATM मशीनों में से 800 करोड़ रूपये निकाले जाने की रिपोर्ट है.
इसके अलावा रोहित ने बताया कि लैंडलाइन सेवाओं को भी पूर्ण रूप से बहाल करने की कोशिश की जा रही है. साथ ही साथ उन्होंने ये भी बताया कि घाटी में अब तक13 हजार 287 LPG सिलैंडरों का वितरण किया गया है.
वहीं सरकार ने कश्मीर में एक मीडिया सेंटर खोला है. जहां कुछ पत्रकार जमा होकर अपना काम कर रहे हैं. इन पत्रकारों की मानें तो कश्मीर में काम करना उनके लिए बेहद मुश्किल होता जा रहा है.