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पहलू खान मॉब लिंचिंग केस : SIT कभी भी सौंप सकती है जांच रिपोर्ट, हो सकते हैं चौंकाने वाले खुलासे - राजस्थान में पहलू खान मॉब लिंचिंग मामला

राजस्थान के बहुचर्चित पहलू खान मॉब लिंचिंग मामले पर SIT अपनी रिपोर्ट किसी भी सौंप सकती है. हालांकि, सोमवार दोपहर तक SIT ने अपनी रिपोर्ट विभाग को नहीं सौंपी है. माना जा रहा है कि SIT की जांच रिपोर्ट में चौकाने वाले खुलासे किये जा सकते हैं. जानें क्या है पूरा मामला...

पहलू खान मॉब लिंचिंग केस

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Published : Sep 2, 2019, 7:58 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 5:06 AM IST

जयपुर: एसआईटी ने एक जांच रिपोर्ट तैयार की है. इसमें पहले से की गई जांच में कई तरह की खामियां होने की बात सामने आ रही है. साथ ही आरोपियों के बरी होने के पीछे बड़ी वजह सरकार की तरफ से कमजोर पैरवी को बताया जा रहा है.

सूत्रों ने बताया कि यह भी सामने आ सकता है कि जिस मोबाइल से मॉब लिंचिंग का वीडियो बनाया गया, उसके भी पर्याप्त सबूत कोर्ट में पेश नहीं किए गए. हालांकि, रिपोर्ट में क्या-क्या तथ्य जुटाए गए हैं इसका खुलासा रिपोर्ट सामने आने के बाद ही हो सकेगा.

पहलू खान मॉब लिंचिंग केस पर ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ऐसा बताया जा रहा है कि पहलु खां मॉब लिंचिंग मामले में एसआईटी ने अपनी जांच में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. बताया जा रहा है मामले की जांच ठीक से नहीं की गई और जांच अधिकारी और न्यायालय में पैरवी करने वाले अधिकारियों की लापरवाही के चलते ही आरोपी कोर्ट से बरी हो गए.

एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया कि इन सबूतों की कमी के आधार पर न्यायालय में ठीक से पैरवी नहीं हो सकी. जांच के दौरान सबूत सही सलामत अवस्था में थे और पुलिस के पास मौजूद थे. लेकिन जांच अधिकारी और मुकदमे की पैरवी करने वाले अधिकारियों ने जानबूझ कर उसे छुपा दिया.

बताया जा रहा है कि आरोपी ने जिस मोबाइल से वीडियो बनाया उस मोबाइल को पुलिस ने बरामद कर लिया था और पूरी फुटेज की जांच भी कराई गई थी. दोनों ही महत्वपूर्ण सबूत थे, जिन्हें कोर्ट में पेश नहीं किया गया. कोर्ट ने इस मामले में फैसला देते हुए लिखा था कि फुटेज में जो दिख रहे हैं हम उन लोगों को संदेह का लाभ देते हैं. क्योंकि इस फुटेज की एफएसएल नहीं कराई गई और यह वीडियो जिस मोबाइल से बनाया गया वह भी बरामद नहीं हुआ.

पढ़ें:अलवर मॉब लिंचिंग : जिला अदालत ने सभी आरोपियों को बरी किया

इस मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि दोनों चीजें पुलिस के मालखाने में रखी हुई हैं. पुलिस ने उस वक्त मोबाइल फुटेज बनाने वाले व्यक्ति की पहचान कर बरामद कर लिया था. लेकिन उसे कोर्ट में पेश नहीं किया और मालखाने में छोड़ दिया गया.

आपको बता दें कि कोर्ट ने सभी छह आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए 14 अगस्त को बरी किया था. दरअसल, पहलू खान अपने बेटे के साथ 1 अप्रैल 2017 को जयपुर से दो गाय खरीद कर वापस घर जा रहे थे. इस दौरान अलवर में भीड़ ने न सिर्फ उसकी गाड़ी रुकवाई बल्कि पहलू खां और उसके बेटे के साथ क्रूरता से मारपीट की.

इस मारपीट में पहलू खान की मौत हो गई थी. गहलोत सरकार ने मामले पर सभी छह आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी करने के बाद एसआईटी गठित करते हुए जांच रिपोर्ट 2 सितंबर तक सौंपने को कहा था. ऐसे में अभी उम्मीद लगाई जा रही है कि एसआईटी की जांच रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे किये जा सकते हैं.

बहरहाल पूरी जानकारी तो एसआईटी की रिपोर्ट आने पर ही साफ होगी. आखिर पहले की गई जांच में क्या खामियां रहीं, जिसकी वजह से आरोपियों को संदेह का लाभ मिला. लेकिन यह तय है कि जिस तरह के तथ्य एसआईटी की प्रारंभिक जानकारी में सामने आए हैं, उससे लगता है कि जांच अधिकारी और कमजोर पैरवी की वजह से आरोपियों को लाभ मिला है.

Last Updated : Sep 29, 2019, 5:06 AM IST

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