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नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरा मुक्त बनने की दिशा में वाराणसी रेलवे स्टेशन

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए देश में अभियान चल रहा है. ईटीवी भारत भी इस मुहिम का एक अहम हिस्सा बना है. इसकी थीम नो प्लास्टिक लाइफ फैंटास्टिक रखी गई है. देखें इस मुहिम की 27वीं कड़ी पर विशेष रिपोर्ट...

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Published : Jan 7, 2020, 7:03 AM IST

वाराणसी : भारतीय रेलवे ने अपने परिसर के अलावा ट्रेनों को भी 'सिंगल यूज प्लास्टिक' से मुक्त बनाने का फैसला लिया है. इस मुहिम में उत्तर प्रदेश का वाराणसी रेलवे स्टेशन भी शामिल है.

परिसर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए स्टेशन प्रबंधन ने विक्रेताओं को टेराकोटा शैली में बने मिट्टी के कुल्हड़, ग्लास और प्लेट प्रयोग करने का निर्देश दिया है.

अधिकारियों का कहना है कि इस पहल से कुम्हारों को कमाई बढ़ाने के मौके मिलेंगे.

आईआरसीटीसी और निजी लोगों द्वारा संचालित किए जाने वाले पेय पदार्थों की दुकानों पर मिट्टी के कुल्हड़ में चाय और कॉफी की सेवा शुरू की जा चुकी है.

ईटीवी भारत रिपोर्ट

वाराणसी कैंट के स्टेशन निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि पूरे भारत की तरह यहां भी सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि हम थर्मोकोल से बनी चीजें भी खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में वाराणसी कैंट प्लास्टिक मुक्त रेलवे स्टेशन बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.

केवल पानी जैसे कुछ सामग्री प्लास्टिक में परोसे जाते हैं. स्टॉल यह सुनिश्चित करते हैं कि बाकी अन्य सामानों को पेपर बैग या बायोडिग्रेडेबल बैग में दिए जाएं.

रेल मंत्रालय ने गांधी की 150वीं जयंती यानि दो अक्टूबर के दिन से ही 50 माइक्रोन से कम वाले सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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