श्रीमंदिर लाए गए भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा.
बाहुड़ा यात्रा : श्रीमंदिर लाए गए भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा
12:15 July 01
बाहुड़ा यात्रा
11:58 July 01
10:39 July 01
10:27 July 01
गुंडिचा मंदिर परिसर में छेरा पहरा की रस्म करते पुरी नरेश
08:15 July 01
महाप्रभु जगन्नाथ अपनी बहन देवी सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर वापस लौट रहे हैं.
देवताओं की यात्रा शुरू हो चुकी है. चक्रराज सुदर्शन, ठाकुर बलभद्र उसके बाद देवी सुभद्रा और अंत में महाप्रभु जगन्नाथ एक के बाद एक अपने रथों के साथ निकलना शुरू हो रहे हैं.
08:01 July 01
पहौंडी की रस्म शुरू, रथारूढ़ किए जा रहे हैं विग्रह
गुंडिचा मंदिर परिसर में पहौंडी की रस्म शुरू हो गई है. भगवान जगन्नाथ समेत तीनों विग्रहों को बारी-बारी से रथों पर आसीन किया जाएगा. इस प्रक्रिया को पहौंडी कहा जाता है.
07:47 July 01
06:26 July 01
बाहु़ड़ा अथवा वापसी की रथ यात्रा
पुरी : भगवान जगन्नाथ आज गुंडिचा मंदिर से वापस श्रीमंदिर में लौटेंगे. गुंडिचा मंदिर भगवान जगन्नाथ के जन्मस्थान के रूप में भी जाना जाता है. हिंदी मास के मुताबिक आषाढ़ महीने में होने वाली भव्य रथ यात्रा के 8 दिनों के बाद 9वें दिन भगवान श्रीमंदिर लौटते हैं. गुंडिचा मंदिर को मौसीबाड़ी भी कहा जाता है.
इस दिन महाप्रभु जगन्नाथ अपनी बहन देवी सुभद्रा और बड़े भाई बलभद्र के साथ गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर वापस लौटते हैं. इस यात्रा को बाहुड़ा यात्रा या रिटर्न कार फेस्टिवल भी कहा जाता है.
गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते 23 जून की सुबह पुरी में भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा निकाली गई थी. भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 23 जून की शाम गुंडिचा मंदिर पहुंचा था. बता दें कि इस साल कोरोना महामारी के कारण सुप्रीम कोर्ट और पुरी जिला प्रशासन के दिशानिर्देशों के तहत इस यात्रा को पूरा किया गया.
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इससे पहले हर साल होने वाली पुरी की ऐतिहासिक रथ यात्रा में लाखों की संख्या में देश-विदेश के लोग शामिल होते थे. इसकी तुलना में इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण बहुत ही कम श्रद्धालु रथ यात्रा के अनुष्ठान में शामिल हुए.