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भाजपा नेताओं को सत्ता नहीं मिली तो उनका दिमाग खराब हो जाएगा : राउत - विधानसभा में शक्ति परीक्षण

महाराष्ट्र से शिवशेना के फायर ब्रांड नेता संजय राउत ने प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा पर निशाना साधा. राउत ने कहा कि अगर भाजपा नेताओं को सत्ता नहीं मिलती तो उनका दिमाग खराब हो जाता है. राउत ने कहा, 'अगर हमारी सरकार आती है तो हम ऐसे लोगों के लिए अस्पताल बनवाएंगे.'

शिवसेना नेता संजय राउत (फाइल फोटो)

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Published : Nov 25, 2019, 10:59 PM IST

मुंबई : शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि अगर भाजपा नेता सत्ता से दूर रहे तो उनका दिमाग खराब हो जाएगा.

संजय राउद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब शिवसेना-राकांपा- कांग्रेस की संयुक्त सरकार राज्य में आएगी, तब वह महाराष्ट्र के विभिन्न इलाकों में ‘ऐसे लोगों के लिए’ मानसिक स्वास्थ्य क्लीनिक खोलेगी.

राउत ने दावा किया, 'सदन पटल पर हम बहुमत साबित करने जा रहे हैं. अगर उन्हें सत्ता से दूर कर दिया गया तो ऐसे में भाजपा नेताओं का दिमाग खराब हो जाएगा. वे मानसिक संतुलन खो देंगे.'

उन्होंने कहा, 'एक बार जब हम सरकार बना लेंगे तो भाजपा नेताओं की मानसिक बीमारी का इलाज कराने के लिए विशेष अस्पताल बनाएंगे.'

राउत ने कहा कि उनकी पार्टी, राकांपा और कांग्रेस के पास जरूरी बहुमत है और वे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के समक्ष साबित कर देंगे कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या उनके पास है.

उन्होंने कहा कि सदन में बहुमत साबित करने के लिए शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के पास अपने विधायकों के हस्ताक्षर हैं.

शिवसेना नेता ने कहा कि भाजपा ने बिना बहुमत राज्य में सरकार बनाने के लिए 'चंबल के डकैतों' जैसा काम किया है.

राज्यसभा सदस्य ने कहा, 'जब विधानसभा में शक्ति परीक्षण होगा तो शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के पास भाजपा से कम से कम 10 विधायक अधिक होंगे.'

भाजपा के अजित पवार और राकांपा के कुछ विधायकों की मदद से शनिवार को महाराष्ट्र में सत्ता में लौटने के बाद से ही शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के कुछ विधायक 'लापता' हो गए थे.

राउत ने आरोप लगाया कि राकांपा के चार विधायकों को 'भाजपा या हरियाणा पुलिस ने हिरासत में ले लिया' क्योंकि वहां पार्टी सत्ता में है.

उन्होंने कहा,'वे सत्ता के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं.'

उन्होंने दावा किया कि शिवसेना कार्यकर्ताओं ने हरियाणा के गुरुग्राम में एक होटल से राकांपा के चार विधायकों को छुड़ाया.

उल्लेखनीय है कि भाजपा और शिवसेना ने पिछले महीने गठबंधन में चुनाव लड़ा और क्रमश: 105 और 56 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल की थीं.

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हालांकि, शिवसेना के मुख्यमंत्री पद की मांग को भाजपा द्वारा ठुकराए जाने के बाद यह गठबंधन टूट गया.

राकांपा और कांग्रेस ने 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में क्रमश: 54 और 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी.

राउत ने कहा कि उन्होंने सुना कि भाजपा ढाई साल के लिए अजित पवार के साथ मुख्यमंत्री पद साझा करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, 'वे हमारे साथ ऐसा करने के लिए तैयार नहीं थे. भाजपा जब बहुमत साबित करने आएगी तो हम उसे हरा देंगे.

उन्होंने राज्य के पहले मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता यशवंतराव चव्हाण का उदाहरण भी दिया, जिन्होंने राज्यपाल से निमंत्रण मिलने के बावजूद तब सरकार बनाने का दावा जताने से इनकार कर दिया था.

बकौल राउत चव्हाण ने कहा था कि चूंकि उनकी पार्टी सदन में सबसे बड़ी पार्टी नहीं है तो वह सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर सकते.

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अजित पवार को राकांपा के विधायक दल के नेता पद से हटाए जाने के बावजूद उन्हें पार्टी में लौटने के लिए पार्टी के नेताओं द्वारा मनाए जाने के कारणों के बारे में पूछने पर राउत ने कहा, 'कोई भी नहीं चाहता कि राजनीति के चलते परिवार बंट जाए.'

उन्होंने कहा, 'यहां तक कि मैं भी मनसे प्रमुख राज ठाकरे (उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई) के पास गया था जब उन्होंने शिवसेना छोड़ी थी.'

शिवसेना नेता ने कहा कि अजित पवार ने भाजपा को समर्थन देने का फैसला भावनाओं में बहकर लिया होगा जिसे उनकी पार्टी के नेत ठीक करना चाहते हैं.

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