मुंबई: श्रीलंका ने सीरियल ब्लास्ट के बाद सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढंकने पर रोक लगा दी है. शिवसेना ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से धर्म विशेष की महिलाओं द्वारा बुर्का के उपयोग पर प्रतिबंध की मांग की है. शिवसेना की मांग पर बीजेपी से अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही है. भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने शिवसेना की मांग का समर्थन किया है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि इस तरह के बैन की जरूरत नहीं है.
शिवसेना ने श्रीलंका में ईस्टर संडे पर हुए आतंकी हमलों के बाद वहां की सरकार द्वारा भी ऐसा ही नियम लाने की योजना बनाए जाने का हवाला दिया है. इन हमलों में 250 लोगों की मौत हो गई थी.
सामना ने लिखा....
पार्टी ने अपने मुखपत्रों 'सामना' और 'दोपहर का सामना' के संपादकीय में कहा, 'इस प्रतिबंध की अनुशंसा आपातकालीन उपाय के तौर पर की गई है, जिससे कि सुरक्षा बलों को किसी को पहचानने में परेशानी ना हो. नकाब या बुर्का पहने हुए लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकते हैं.'
भारत क्यों पीछे?
सामना में लिखा गया है कि फ्रांस में आतंकी हमला होने का बाद वहां की सरकार ने बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया था. न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी यही हुआ. तो फिर भारत पीछे क्यों है? सामना ने आगे लिखा कि रावण की लंका में जो हुआ है, वो राम की अयोध्या में कब होगा?
BJP की प्रतिक्रिया
बीजेपी प्रवक्ता नरसिम्हा राव ने कहा कि मोदी सरकार की अगुवाई में हमने आतंकवाद पर रोक लगाई है. इसलिए किसी भी प्रकार के बैन लगाने की जरूरत नहीं है.