श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस ने अवकाश संबंधी जम्मू-कश्मीर के आधिकारिक कैलेंडर से पार्टी संस्थापक शेख अब्दुल्ला की जंयती हटाए जाने पर नाराजगी जताते हुए इस फैसले की समीक्षा करने की मांग की है और कहा कि लोगों को लोकतांत्रिक रूप से जागृत करने में उनके योगदान को कमतर नहीं किया जा सकता.
इसके अलावा पार्टी ने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों - एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत राज्य के सभी नेताओं को रिहा किए जाने की अपील की.
एनसी के प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा ने शनिवार को कहा कि शेख अब्दुल्ला एक दूरदर्शी नेता थे, जिन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना के द्विराष्ट्र सिद्धांत को नकारा था.
राणा ने संवाददाताओं से कहा, 'अवकाश देने या नहीं देने से उनके (शेख अब्दुल्ला के) विशाल कद पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्हें बदनाम करने के कई निष्फल प्रयास किए गए, लेकिन इतिहास उनके पक्ष में बोलेगा.'
उन्होंने कहा कि शेर-ए-कश्मीर की शख्सियत को क्षेत्रीय राजनीति के दायरे में नहीं बांधा जा सकता क्योंकि जब पूरा देश महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रितानी शासन की बेड़ियों से आजाद होने के लिए संघर्ष कर रहा था, तब उन्होंने लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी.