नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पद से 29 जुलाई को सेवानिवृत्त होने जा रहीं न्यायमूर्ति आर भानुमति ने कहा कि वह और उनका परिवार भी जटिल कानूनी प्रक्रियाओं और उनमें देरी के पीड़ित रहे हैं जिनकी वजह से उन्हें एक बस दुर्घटना में उनके पिता की मृत्यु के बाद मुआवजा नहीं मिल सका.
न्यायमूर्ति भानुमति ने शुक्रवार को अंतिम बार न्यायालय की कार्यवाही का संचालन किया. उन्होंने अपने विदाई भाषण में कहा कि निचली अदालत से शीर्ष अदालत तक बतौर न्यायाधीश उनके तीन दशक के कॅरियर में अकारण अवरोधों का अंबार लगा रहा.
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने न्यायमूर्ति को उत्कृष्ट न्यायाधीश की संज्ञा दी.
उन्हें निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में ऐतिहासिक फैसले के लिए याद किया जाएगा जिसमें मामले के चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई.