जयपुर : जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के फ्रंट लोन में आयोजित 'क्रिकेट- द स्पिरिट ऑफ द गेम' को लेकर बात की गई. इस सेशन में कांग्रेस लीडर शशि थरूर और जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई की बातचीत काफी चर्चा में रही. सेशन में क्रिकेट की बात करते हुए कई सियासी गुगली भी सामने आई. सेशन में अपने-अपने क्रिकेट के अनुभवों को सामने रखते हुए बात की गई.
इस सेशन में क्रिकेट के हालात और दोनों के क्रिकेट से जुड़ाव को लेकर बात की गई. राजदीप सरदेसाई ने बताया कि उन्होंने कब ये तय किया कि उन्हें अब क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए. साथ ही चुटकी लेते हुए कहा कि शशि थरूर के मस्त अंदाज को देखकर मैं हमेशा कहता हूं कि उन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष होना चाहिए.
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल बोलते कांग्रेस नेता शशि थरूर. सेशन में ऑस्ट्रेलिया के पत्रकार गिदोन हेग ने भी अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे क्रिकेट अपने आप में एक जज्बा है. सेशन मॉडरेटर केशव गुहा ने सेशन को पूरी तरह से क्रिकेट पर ही बनाए रखा. कैसे बदलते क्रिकेट के स्वरूप ने लोगों की सोच बदली है. इस पर राजदीप सरदेसाई ने कहा कि चाहे कुछ भी बदल जाए, यह खेल गेंद बल्ले का ही रहेगा. एक दौर महेंद्र अमरनाथ के टेस्ट मैच का था और आज का दौर विराट के टी-20 वाला है. कुछ भी बदल जाए लेकिन आत्मा वही है, बस अब खिलाड़ियों को अच्छा मौका मिल रहा है.
साथ ही उन्होंने बताया कि जब एक युवा खिलाड़ी को 10 करोड़ में खरीदा गया, तब कपिल देव ने उनसे कहा कि हमने क्रिकेट में बहुत कुछ किया, लेकिन हमको एक करोड़ ही मिले थे. राजदीप सरदेसाई ने आज के दौर में क्रिकेट में विराट कोहली और इलेक्शन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कंपेयर किया. उन्होंने बताया कि दोनों ने खेल और सियासत के कायदे बदल दिए गए. इस पर शशि थरूर ने चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा है तो क्रिकेट की नोटबन्दी कौन कर रहा है.
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पाकिस्तान के साथ क्रिकेट के रिश्तों के अब कोई आसार नजर नहीं आते
पाकिस्तान से क्रिकेट को लेकर शशि थरूर ने कहा कि मौजूदा हालात को देखकर ऐसा नहीं लगता है कि हमारे रिश्ते पाकिस्तान के साथ बेहतर होंगे. उन्होंने कहा कि एक लंबे वक्त तक हमने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड कंट्री बनाए रखा लेकिन अब ऐसा नहीं है. सेशन में राजदीप सरदेसाई ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चाहे लोगों के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हों और वे उसे टारगेट करते हों. लेकिन वह खुद निजी तौर पर ये बिल्कुल पसंद नहीं करते कि इमरान खान के क्रिकेट करियर को भी सिर्फ इस वजह से टारगेट किया जाए कि वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं.