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'हां-हां और ना-ना' के बाद बोले पवार, नहीं जाऊंगा ED दफ्तर - महाराष्ट्र कॉपरेटिव बैंक घोटाला

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय नहीं जाएंगे. ईडी के अधिकारियों ने उनसे ना आने की अपील की थी. हालांकि, पवार ने ईडी दफ्तर आने का ऐलान कर रखा था. काफी सियासी ड्रामे के बाद उन्होंने ईडी दफ्तर जाने का निर्णय छोड़ दिया. जानें विस्तार से क्या है खबर.

ED नहीं जाएंगे पवार

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Published : Sep 27, 2019, 12:30 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 5:00 AM IST

मुंबईः महाराष्ट्र में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार को लेकर राजनीति गर्म है. शरद पवार की हां और ईडी की ना के खूब सियासी ड्रामा हुआ. बाद में पवार ने मीडिया को जानकारी दी कि वह ईडी दफ्तर नहीं जाएंगे. ईडी के अधिकारियों ने पवार से आज उपस्थित ना होने की अपील की थी.पवार ने ईडी के नोटिस को राजनीतिक षडयंत्र का हिस्सा बताया है. उन्होंने कहा कि उनका नाम एफआईआर में गलत तरीके से डाला गया है. पवार ने कहा कि पुलिस और ईडी दोनों ने उनसे ना आने की अपील की है.

क्या कहा शरद पवार ने

जानबूझकर मुझे बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है

बैंक के मामले में मैं कभी नहीं संलिप्त था.

मेरा नाम गलत तरीके से FIR में शामिल किया गया है और FIR का समय संदिग्ध है.

मैं ED का पूरा सहयोग करूंगा

ED और पुलिस ने मुझे जाने से मना किया

NCP कार्यकर्ताओं का शुक्रिया

इससे पहले, ईडी के मना करने के बावजूद पवार अपनी जिद पर अड़े थे. लिहाजा पुलिस ने पूरे इलाके में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी. विपक्षी पार्टी का दावा है कि पुलिस उनके कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले रही है. पुलिस ने शुक्रवार सुबह बताया कि पवार के दौरे को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को दक्षिणी मुंबई के बल्लार्ड पियरे स्थित प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय की ओर जाने वाली सड़कों पर तैनात किया गया है.

मीडिया को संबोधित करते पवार

महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के भ्रष्टाचार से जुड़े धनशोधन मामले में पवार का नाम भी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री को अभी तक प्रवर्तन निदेशालय ने तलब नहीं किया है. गौरतलब है, मुंबई के पुलिस कमिश्नर संजय बर्वे मुंबई में एनसीपी चीफ शरद पवार के आवास पर पहुंचे हैं.

एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट किया, 'सम्मानीय शरद पवार दोपहर दो बजे प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय जाएंगे. कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उनके समर्थन में मौजूद रहेंगे. लेकिन पुलिस ने कल रात से कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया है। हम वैसे लोग हैं जो कानून व्यवस्था में विश्वास करते हैं.' मलिक ने ट्वीट किया, 'यह दमन सही नहीं है. निंदनीय है.'

राकांपा कार्यकर्ताओं ने इस सप्ताह की शुरुआत में मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में तब भी विरोध प्रदर्शन किया था जब पवार का नाम इस मामले में तय किया गया था.

बृहस्पतिवार रात में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसी तरह के विरोध की आशंका को देखते हुए पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत ईडी कार्यालय के बाहर लोगों के जुटने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

बृहस्पतिवार रात पुलिस से यह जानकारी मिली की कोलाब, कुफे परेड, मरीन ड्राइव, डोंगरी, आजाद मैदान, जे जे मार्ग, एमआरए मार्ग पुलिस थाना क्षेत्रों में भी निषेधाज्ञा लगायी गयी है.

पावर के ED समन के खिलाफ NCP कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया

पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से निदेशालय के कार्यालय के बाहर नहीं जमा होने की अपील की है.

एक अधिकारी ने बताया कि एस एस राम गुलाम रोड, करीमभोय रोड और जे एन हर्दिया रोड यातायात के लिए बंद है. हालांकि वीआईपी और आपातसेवा वाहनों को इन मार्गों से गुजरने की इजाजत होगी. उन्होंने कहा कि दिन में इस इलाकों में वाहनों को पार्क करने पर रोक है.

अधिकारी ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सभी ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं.

इसी बीच महाराष्ट्र के राकांपा प्रमुख जयंत पाटिल और महासचिव जितेंद्र अवहद, पवार के घर पहुंच चुके हैं.

पवार पहले ही यह कह चुके हैं कि ‘खुद की इच्छा’ से प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय जाएंगे और जांच में जांच एजेंसी का सहयोग करेंगे.

प्रवर्तन निदेशालय ने पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया है.

राकांपा ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है.

25 हजार करोड़ रुपए के इस घोटाले में आरोप है कि संचालक मंडल द्वारा लिए गए फैसलों की वजह से यह घोटाला हुआ. यह घोटाला साल 2007 से 2011 के बीच हुआ.

बैंक ने शक्कर कारखानों और कपड़ा मिलों को कर्ज बांटा. इसके अलावा कर्ज वसूली के लिए बेची गई सपंत्ति में जान बूझकर बैंक को नुकसान पहुंचाया गया.

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की जांच और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव सोसायटीज कानून के तहत अर्द्ध न्यायिक जांच आयोग की तरफ से एक आपोप पत्र दायर किया गया था. इस पत्र में बैंक को हुए नुकसान के लिए पवार और अन्य आरोपियों को जिम्मेदार ठहराया गया था.

बता दें, बॉम्बे हाई कोर्ट ने मामले में कोर्ट में पेश किए गए तथ्यों के आधार पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार व अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इसके बाद ईडी ने शरद पवार समेत 70 अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग समेत अन्य मामलों में केस दर्ज किया.

Last Updated : Oct 2, 2019, 5:00 AM IST

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