दिल्ली

delhi

शांतिकुंज प्रमुख पर दुष्कर्म का आरोप, 10 साल बाद मामला दर्ज

By

Published : May 7, 2020, 6:34 AM IST

Updated : May 7, 2020, 12:05 PM IST

शांतिकुंज प्रमुख के खिलाफ एक युवती ने एफआईआर दर्ज कराई है. युवती का आरोप है कि 2010 में उसके साथ दुष्कर्म हुआ था. वहीं, इस मामले पर शांतिकुंज प्रमुख का बयान भी सामने आया है.

1
प्रतीकात्मक चित्र

दिल्ली : शांतिकुंज प्रमुख के खिलाफ एक युवती ने एफआईआर दर्ज कराई है. युवती ने हरिद्वार के शांतिकुंज आश्रम में दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है.

पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने कहा कि साल 2010 में जब वह 14 साल की थी तो 19 मार्च 2010 को गांव के एक व्यक्ति संग हरिद्वार पहुंची, जहां शांतिकुंज गायत्री परिवार में अच्छा भोजन, साधना, पढ़ाई और शादी का बहाना देकर चौके में भोजन व्यवस्था का काम दिलाया. 21 मार्च 2010 को उसे भोजन और प्रसाद बनाने के लिए रखा गया था.

शांतिकुंज प्रमुख के खिलाफ दर्ज FIR की कॉपी.

पीड़िता के मुताबिक, जुलाई 2010 को वह शांतिकुंज के प्रमुख को कॉफी देने कमरे में गई. उसी दौरान कमरे का दरवाजा बंद कर दिया गया. पीड़िता का आरोप है कि कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया गया. पीड़िता के मुताबिक इस घटना के एक सप्ताह बाद फिर उसके साथ दोबारा दुष्कर्म किया गया और धमकी देकर किसी से घटना का जिक्र नहीं करने को कहा लेकिन हिम्मत करके घटना की जानकारी दी तो मुंह बंद करने की धमकी दी गई.

नाबालिग का गैंगरेप करने के बाद वीडियो किया वायरल, तीन युवकों के खिलाफ मामला दर्ज

पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि घटना के बाद उसकी तबीयत खराब रहने लगी. इलाज के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ तो 2014 में उसे वापस घर भेज दिया गया. स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद दोबारा हरिद्वार बुलाया गया लेकिन उसने जाने से इनकार कर दिया. 2018 में इस घटना को लेकर उसने फिर शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया लेकिन इसकी जानकारी शांतिकुंज प्रमुख को हो गई थी और उन्होंने फोन पर धमकी दी थी कि उसकी शिकायत से कुछ नहीं होगा.

निर्भया के इंसाफ से मिली हिम्मत

पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि निर्भया के दोषियों को जब सजा मिली तो उसका हौसला बढ़ा और कानून पर विश्वास बढ़ा. पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि पवित्र मिशन की आड़ में वहां पर लड़कियों के साथ गलत काम किया जा रहा है.

बीते 7 अप्रैल को उसने पीएमओ और राष्ट्रीय महिला आयोग को घटना की जानकारी ईमेल द्वारा दी है. पीड़िता के अनुसार लॉकडाउन के चलते वह दिल्ली में फंसी हुई है इसलिए यहां जीरो एफआईआर दर्ज कराई है.

शांतिकुंज प्रमुख का खंडन

उधर, शांतिकुंज प्रमुख ने पूरे मामले का खंडन करते हुये कहा है कि उनके खिलाफ उनके ही संस्थान में रहकर साजिश की गई है. महिला से बेवजह का आरोप लगवाकर उनसे पिछले 10 सालों से पैसों की मांग की जा रही थी. 17 मई को लॉकडाउन खत्म होते ही वो संस्थान से उस व्यक्ति को बाहर कर देंगे. इतना सब होने के बाद भी इंसानियत के नाते वो अभी भी उस शख्स को सैलेरी और खाना-पीना दे रहे हैं.

शांतिकुंज प्रमुख ने कहा है कि वो अब भी उस व्यक्ति का बुरा नहीं चाहते. उसने अपनी पत्नी के माध्यम से उनपर ये आरोप लगाया है और वो बस इतना चाहता है कि उसे इस ब्लैकमेलिंग के तहत पैसे मिल सकें लेकिन ऐसा नहीं होगा.

Last Updated : May 7, 2020, 12:05 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details