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सरकार ने घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल करने में बहुत देरी की : शबनम - समाजिक कार्यकर्ता शबनम

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त होने के 72 दिनों बाद सोमवार को घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवा बहाल कर दी गयी. राज्य प्रशासन को उम्मीद है कि इससे घाटी में स्थिति तेजी से सामान्य होगी. फिलहाल घाटी की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार करने वालीं समाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने कहा कि सरकार को यह फैसला बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था.

शबनम हाशमी

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Published : Oct 14, 2019, 9:13 PM IST

नई दिल्ली : घाटी में सोमवार को सभी नेटवर्क की पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उम्मीद जताई है कि इस फैसले से घाटी में सामान्य स्थिति हासिल करने में मदद मिलेगी. हालांकि समाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने कहा कि सरकार को यह निर्णय बहुत पहले लेना चाहिए था.

गौरतलब है कि बीते पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मोबाइल सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गयी थी. हालांकि इंटरनेट सेवा अब तक शुरू नहीं की गयी है.

बता दें कि शबनम हाशमी ने कश्मीर में रहने वाले लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है. शबनम ने कहा, 'सभी संचार सेवाएं बंद होने के कारण आपातकाल के समय लोगों को पर्याप्त चिकित्सा सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं.'

जम्मू-कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं की बहाली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करतीं शबनम हाशमी.

शबनम ने कहा, 'जिला अस्पताल को कहा गया है कि वे किसी भी मामले को श्रीनगर के लिए रेफर न करें. दूर दराज के इलाके में रहने वाले लोगों को अस्पताल की सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. संचार की कमी के कारण आशा कार्यकर्ता लोगों तक दवाएं नहीं पहुंचा पा रही हैं. इसलिए यदि एक बार संचार बहाल हो जाता है तो हम हताहतों की संख्या के बारे में जानकारी पा सकेंगे और ये ऐसे लोग होंगे, जिनकी मौत पर्याप्त दवा न मिलने से हुई है.'

उन्होंने कहा, 'संवादहीनता की अनिश्चितता ने कश्मीर के लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है. इससे चिंता का स्तर बढ़ गया है. जब मोबाइल सेवाएं बहाल हो जाएंगी, तब हम सहीं मामलों की सही संख्या जान सकेंगे.'

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