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बीजेपी विधायक पर यौन शोषण का आरोप, बदले गए जांच अधिकारी - यौन शोषण मामला

ब्लैकमेलिंग व यौन शोषण मामले में विधायक महेश नेगी ने अपने बयान दर्ज करवाने के बाद DGP से DIG की शिकायत की है. महेश नेगी का कहना है कि स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह बयान दर्ज नहीं करा पाए, ऐसे में डीआईजी ने उनको जबरन उठवाकर कार्रवाई करने जैसे शब्दों का प्रयोग किया. इसके साथ ही डीआईजी ने मामले में जांच अधिकारी के साथ अलग से एक महिला सब इंस्पेक्टर अटैच कर दी है. पढ़ें पूरी खबर...

MLA Mahesh Negi Statement
विधायक महेश नेगी

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Published : Aug 20, 2020, 8:40 PM IST

देहरादून :भाजपा विधायक महेश नेगी ने ब्लैकमेलिंग व यौन शोषण मामले में अपने बयान दर्ज करा दिए हैं, लेकिन इसके बाद पुलिस मुख्यालय में डीजीपी को पत्र लिखकर देहरादून डीआईजी की शिकायत की है. पत्र में विधायक ने लिखा है कि उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह दो-तीन दिन से पुलिस के पास बयान दर्ज कराने नहीं आ सकें. ऐसे में डीआईजी ने उनको जबरन उठाकर सख्त कार्रवाई करने जैसा आपत्तिजनक बयान दिया.

इतना ही नहीं, विधायक ने मुख्यालय को लिखे पत्र में यह भी कहा कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार कर रही है. विधायक ने इस मामले में ब्लैकमेल करने वाली महिला सहित अन्य लोगों की गिरफ्तारी की मांग भी की है.

जांच अधिकारी के साथ अटैच की गई महिला सब इंस्पेक्टर.

बता दें कि देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने इस मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए निष्पक्ष जांच में सहयोग न करने वाले आरोपित लोगों को बिना देर किए गिरफ्तार करने के निर्देश दिए. उसके तत्काल बाद ही बीजेपी विधायक महेश नेगी आनन-फानन में सीओ सदर कार्यालय पहुंचे और अपना बयान दर्ज कराया. इससे पहले उनपर आरोप लग रहे थे कि वह पुलिस पूछताछ व बयान देने में स्वास्थ्य का हवाला देकर लेटलतीफी कर रहे हैं.

जांच में सहयोग न करने वाला होगा गिरफ्तार: डीआईजी
देहरादून डीआईजी ने साफ कहा कि मामला बेहद गंभीर है. ऐसे में दोनों पक्षों की ओर से जिसके भी सबूत व साक्ष्य सत्य पाए जाएंगे, उसी के आधार पर चार्जशीट तैयार की जाएगी. पहले ही एक मुकदमा दर्ज किया जा चुका है. इसी के चलते एक ही दर्ज मुकदमे की जांच में दोनों पक्षों के प्रार्थना पत्र शामिल किए गए हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच अधिकारी को बदल कर आगे की जांच सीओ सदर को ट्रांसफर की गई है. डीआईजी ने साफ तौर पर कहा कि इस पूरे प्रकरण में पुलिस निष्पक्ष जांच कर रही है. उन्होंने कहा अगर कोई जांच में सहयोग नहीं करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

अटैच की गई महिला सब इंस्पेक्टर
पुलिस के मुताबिक, अब इस केस में महिला अपराध होने जैसे कुछ अपडेट्स मिले हैं. ऐसे में पूरे प्रकरण के नए जांच अधिकारी अनुज कुमार के साथ अलग से एक महिला सब इंस्पेक्टर को अटैच कर जांच निष्पक्ष तरीके से आगे बढ़ाने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

जांच अधिकारी बदलते की तफ्तीश में आयी तेजी
बता दें कि इस मामले में पुलिस पर उठ रहे लगातार सवालों के बाद देहरादून डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने नाराजगी जताते हुए महिला जांच अधिकारी को फटकार लगाते हुए उन्हें जांच से हटाने के आदेश जारी किए. ऐसे में इस पूरे प्रकरण की जांच आगे निष्पक्ष तरीके से करने के लिए सीओ सदर अनुज कुमार को दी गई. इसी क्रम में आरोपित महिला सहित अन्य महिलाओं से पूछताछ व बयान दर्ज करने में किसी तरह कोई समस्या न आए इसके लिए डीआईजी देहरादून ने जांच अधिकारी के साथ अलग से एक महिला सबइंस्पेक्टर अटैच कर दी है.

हर हाल में पुलिस निष्पक्ष जांच करेगी: डीआईजी
मामले पर बोलते हुए देहरादून डीआईजी अरुण मोहन ने कहा कि यह केस काफी पेचीदा और गंभीर है. ऐसे में अब केस में महिला अपराध होने के भी अपडेट आ रहें हैं. इसी के चलते जांच अधिकारी के साथ महिला सब इंस्पेक्टर को अटैच किया गया है. इतना ही नहीं एक बार फिर डीआईजी ने कहा कि इस केस में दोनों पक्षों की ओर से मिले शिकायती पत्रों पर निष्पक्ष रूप से जांच कर साक्ष्य व तथ्यों के आधार पर ही पुलिस चार्जशीट तैयार करेगी.

क्या है मामला
बता दें, द्वाराहाट बीजेपी विधायक पर एक महिला ने शारीरिक शोषण का आरोप लगाया है. आरोप है कि विधायक ने महिला का दो साल तक शारीरिक शोषण किया. साथ ही दावा किया कि उसकी बेटी के पिता विधायक महेश नेगी हैं. आरोप लगाने वाली महिला ने डीएनए टेस्ट कराने की मांग भी उठाई है. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी विधायक महेश नेगी की पत्नी ने भी आरोप लगाने वाली महिला पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है. विधायक नेगी की पत्नी ने महिला के खिलाफ देहरादून की नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया है, जिसमें कहा गया है कि उसने विधायक को ब्लैकमेल कर पांच करोड़ रुपये की मांग की थी.

उधर महिला का आरोप है कि विधायक की पत्नी ने उसे मुंह बंद करने के लिए पहले पांच फिर 25 लाख रुपये तक ऑफर किए थे, लेकिन उसने इस ऑफर को ठुकराते हुए विधायक के कारनामों को उजागर करते हुये न्याय दिलाने की मांग की.

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