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कोविड टीका परीक्षण : डीसीजीआई की अनुमति के इंतजार में सीरम इंस्टीट्यूट

एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को कोरोना वायरस के ट्रायल के लिए परीक्षण करने की अनुमति मिलने के बाद डीसीजीआई ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जैसे ही हमें भारत में परीक्षण को फिर से शुरू करने की अनुमति देगा, हम परीक्षण फिर से शुरू करेंगे.

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Published : Sep 12, 2020, 11:02 PM IST

Updated : Sep 13, 2020, 7:28 AM IST

नई दिल्ली :ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और औषधि कंपनी एस्ट्राजेनेका ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए ब्रिटेन में परीक्षण को बहाल कर दिया गया है. औषधि क्षेत्र के नियामक एमएचआरए द्वारा परीक्षण को सुरक्षित बताए जाने के बाद यह परीक्षण बहाल किया गया है. पिछले दिनों परीक्षण के दौरान एक मरीज में टीके का दुष्प्रभाव सामने आने के बाद इसे रोक दिया गया था.

एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को ट्रायल की अनुमति मिलने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि जैसे ही डीसीजीआई (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया) हमें भारत में परीक्षण को फिर से शुरू करने की अनुमति देगा, हम परीक्षण फिर से शुरू करेंगे.

इससे पहले भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भारतीय सीरम संस्थान (एसआईआई) से कहा था कि वह भविष्य में कोविड-19 वैक्सीन परीक्षण के लिए स्वयंसेवकों की नई भर्तियां करने से पहले उनके कार्यालय (डीसीजीए) से पूवार्नुमति के लिए ब्रिटेन और भारत में डाटा एंड सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड (डीएसएमबी) से मिली मंजूरी जमा कराए. डीसीजीआई वी.जी. सोमानी ने कहा है कि तब तक परीक्षण के लिए अन्य भर्ती निलंबित कर दी गई.

यह निर्देश शुक्रवार देर रात जारी किया गया. इससे पहले डीसीजीए ने दूसरे देशों में वैक्सीन (टीका) का परीक्षण रोके जाने के बारे में जानकारी नहीं देने को लेकर एसआईआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

सोमानी ने एसआईआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें स्पष्टीकरण दिया गया था कि संस्थान ने मंगलवार को ब्रिटेन में हुई एक विज्ञापन घटना के बावजूद कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवार के नैदानिक परीक्षण के साथ आगे बढ़ने का फैसला क्यों किया.

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दरअसल, ब्रिटेन में प्रतिभागियों में से एक ने एक संदिग्ध गंभीर प्रतिकूल प्रतिक्रिया की सूचना दी थी. वैक्सीन प्रतिभागी को एक बूस्टर खुराक दी गई थी, जिसके बाद उसने प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की शिकायत की थी.

घटना के बाद एसआईआई ने कहा था कि वह भारत में पहले की तरह परीक्षण जारी रखेगा. हालांकि डीसीजीआई ने इस पर ध्यान दिया और पुणे स्थित वैक्सीन निर्माता से संपर्क साधा और कहा कि इसने परीक्षण जारी रखने के विचार के साथ आगे बढ़ने का फैसला क्यों किया, जबकि रोगी सुरक्षा के बारे में संदेह अभी तक तक दूर नहीं हुआ है.

डीसीजीआई ने संस्थान से आगे पूछा था कि कोविशिल्ड के नैदानिक परीक्षणों के लिए प्राधिकरण को एसआईआई को दी गई अनुमति को निलंबित क्यों नहीं करना चाहिए. बाद में एसआईआई ने गुरुवार को आधिकारिक रूप से परीक्षण को रोक दिया, जब तक कि उसे डीसीजीआई से मंजूरी नहीं मिल जाती.

Last Updated : Sep 13, 2020, 7:28 AM IST

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