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कश्मीर मुद्दे पर पाक को मुंहतोड़ जवाब, भारत ने कहा-पहले अपने गिरेबान में झांकें - संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद

पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत के खिलाफ कश्मीर का मुद्दा उठाया. इस पर भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है. भारत ने कहा है कि पाकिस्तान को पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

सेंथिल कुमार
सेंथिल कुमार

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Published : Jun 16, 2020, 5:17 AM IST

Updated : Jun 16, 2020, 11:09 AM IST

नई दिल्ली : पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचसीआर) में भारत के खिलाफ कश्मीर का मुद्दा उठाया. इस पर भारत ने पाक को मुंहतोड़ जवाब दिया है. पर्मानेंट मिशन ऑफ इंडिया के फर्स्ट सेक्रटरी सेंथिल कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को पहले अपनी स्थिति को देखना चाहिए. उन्होंने बताया कि कैसे पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जाता है.

जिनेवा में आयोजित मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र में सेंथिल कुमार ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने मानवाधिकार परिषद और उसके तंत्र के दुरुपयोग के अपने ट्रैक रिकॉर्ड को बनाए रखना जारी रखा है. यह गंभीर चिंता का विषय है कि पाकिस्तान दक्षिण एशिया में अकेला ऐसा देश है जहां सरकार नरसंहार करती है. इसके बाद भी पाकिस्तान में इतनी हिम्मत है कि वह दूसरों पर आरोप लगा रहा है.

पिछले वर्ष अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 रद्द होने लेकर उन्होंने कहा कि इस फैसले के कोई बाहरी परिणाम नहीं हुए हैं लोग ने शांति और समृद्धि को पटरी से उतारने के पाकिस्तान के नापाक प्रयास के बावजूद आगे बढ़ रहे हैं

पर्मानेंट मिशन ऑफ इंडिया के फर्स्ट सेक्रटरी सेंथिल कुमार ने पाक को दिया जवाब

उन्होंने कहा, 'यह देश धार्मिक कट्टरवाद और खून-खराबे से बना है और इसके इतिहास में हत्याएं, तख्तापलट और मोहरों के चलने के वाकये भरे पड़े हैं.

कुमार ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा सामना किए जा रहे मानवाधिकार हनन और उत्पीड़न पर विस्तार से बताया. उन्होंने अल्पसंख्यकों को आतंकित करने के लिए पाकिस्तान में ईशनिंदा के दुरुपयोग के बारे में बात की और ईशनिंदा कानूनों के माध्यम से अल्पसंख्यकों के प्रणालीगत लक्ष्यीकरण के उदाहरणों का हवाला दिया.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में ईशनिंदा के प्रणालीगत दुरुपयोग ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को आतंकित कर दिया है. हाल ही में सिंध में दो हिंदू लड़कियों, लाहौर में एक ईसाई लड़की, चलेकी में अहमदी महिला, खैरपुर में दो प्रफेसरों का जो हाल हुआ वह ईशनिंदा कानून के जरिए अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाने का उदाहरण है. 2015 से अब तक पाकिस्तान में 56 ट्रांसजेंडरों की हत्याओं के खिलाफ मिला संरक्षण पाकिस्तान सरकार का चेहरा सामने लाता है.

Last Updated : Jun 16, 2020, 11:09 AM IST

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